
Ayushman Bharat Yojana: गरीब व सामान्य वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने केंद्र शासन ने आयुष्मान स्वास्थ्य योजना चला रखी है। लेकिन इस योजना में भी इलाज के पैकेज को लेकर अलग-अलग पैमाने हैं, जिसे लेकर लोग भ्रम में पड़ जा रहे हैं। दरअसल सरकारी अस्पतालों में इस योजना का लाभ देश भर में एक समान है, पर निजी अस्पतालों में इसका क्राइटेरिया अलग-अलग है। यानी किसी राज्य के निजी अस्पतालों में जिस बीमारी का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत हो रहा है, जरूरी नहीं कि दूसरे राज्य में भी उसी बीमारी का वहां के निजी अस्पताल में इलाज हो।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत लगभग साढ़े 4 हजार बीमारियों को शामिल किया गया है। इसमें 67 प्रकार की बीमारी जिसमें सिजेरियन डिलीवरी, गर्भाशय निकालना, मोतियाबिंद समेत अन्य बीमारियों के इलाज का पैकेज निजी अस्पतालों से हटा दिया गया है। यानी इनका इलाज सरकारी अस्पतालों में ही होगा। इसके अलावा बाकी इलाज निजी व सरकारी दोनों अस्पतालों में हो सकता है। लेकिन निजी अस्पतालों में इसके तहत इलाज को लेकर देश के सभी राज्यों में अपना अलग-अलग पैकेज निर्धारित किया गया है।
भोपाल निवासी सरजू प्रसाद कौशिक (56) के पैर में डॉक्टरों ने गैंगरिन होना बताया। इस पर वे बिलासपुर स्थिति अंकुर ट्रामा सेंटर में इलाज कराने पहुंचे। यहां डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कही। इस पर मरीज के परिजनों ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने कहा। साथ ही बताया कि उनका कार्ड मध्यप्रदेश का है। इस पर उन्हें कहा गया कि आयुष्मान योजना के तहत ही उनका यहां भर्ती कर इलाज हो जाएगा। पूरे इलाज में 1 लाख 30 हजार रुपए खर्च आएगा। इसमें 1 लाख रुपए कैश देना होगा, बाकी कार्ड से काट लेंगे। 23 अप्रैल को ऑपरेशन हुआ। 29 अप्रैल को डिस्चार्ज करने के वक्त बताया गया कि उनका आयुष्मान कार्ड मध्यप्रदेश का है। जिस बीमारी का इलाज हुआ है, उसका तो यहां पैकेज ही नहीं है। लिहाजा पूरे-पूरे 1 लाख 40 हजार रुपए देने होंगे। बता दें कि इस बीच मरीज से दवा व अन्य के नाम पर 1 लाख रुपए जमा भी करा लिए गए थे। मजबूरी में मरीजों के परिजन किस्तों में बाकी फीस देने की गुजारिश की तब कहीं जाकर उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
Published on:
04 May 2024 08:13 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
