MP News: शारदीय नवरात्र आते ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। फलाहार की मांग चार गुना तक बढ़ी, किराना और फल व्यापारी मालामाल हो रहे हैं। फलों के दाम आसमान छू रहे हैं।
Navratri Falahar: नवरात्र का आगमन केवल भक्तों के लिए ही शुभ नहीं है, यह पर्व व्यापारियों के लिए भी शुभ और मंगल लेकर आता है। बड़े व्यापारियों के साथ छोटे व्यापारियों के लिए भी यह पर्व खुशहाली लेकर आता है। सड़को चौराहों पर हाथ ठेले लगाकर फल बेचने वाले छोटे दुकानदारों के साथ बड़े किराना व्यापारियों के लिए भी यह पर्व दीपावली और विवाह सीजन से पहले अच्छे व्यापार का संकेत लेकर आता है। (MP News)
मां की भक्ति के लिए श्रद्धालु नवरात्र (Shardiya Navratri) में व्रत रखते हैं, कोई एक समय भोजन करता है तो कोई केवल फलाहार लेकर व्रत करता है। ऐसे श्रद्धालु अच्छी गुणवत्ता के फलाहार का उपयोग करते हैं। जिसका स्टॉक किराना दुकानों पर होने लगा है। नवरात्र में फलाहारी सामान साबूदाना, मूंगफली दाना, सिंधारा, राजगीरा के साथ ड्राय फ्रूट की मांग चार से पांच गुना तक बढ़ जाती है।
किराना व्यापारी अनिल चौरसिया का कहना है कि जितना फलाहारी सामान छह माह में बिकता है, उतना नवरात्र के नौ दिन में बिक जाता है, जबकि इस बार तो नवरात्र दस दिन के हैं। सबसे अधिक मांग साबूदाना और मूंगफली दाना की होती है। राजगीरा और सिंघारा आटा की मांग भी खूब होती है। (MP News)
चौरसिया ने बताया कि देश में साबूदाना का निर्माण सेलम में सबसे अधिक होता है, वहीं से यह मंगाया जाता है। मूंगफली का दाना मप्र के शिवपुरी और कर्नाटक से आता है। जबकि केरल से काजू, सांगली से किशमिश मंगाते हैं। बादाम अमेरिका से तो मुनक्का अफगानिस्तान से आता है। दलालों के जरिए यह सामान बड़े व्यापारियों तक पहुंचता है, फिर छोटे व्यापारी इसे खरीदकर बेचते हैं।
नवरात्र के नजदीक आते ही फलों के दाम बढ़ने लगे हैं। नवरात्र में सबसे प्रमुख फल केला और सेब माने जाते हैं। कुछ दिन पहले तक केला के दाम 10 रुपए दर्जन चल रहे थे, जो अब 50 से 60 रुपए तक पहुंच गए हैं। इसी तरह सेब के दाम भी 30 से 120 रुपए किलो पर पहुंच गए हैं। नवरात्र में इन फलों के दाम और बढ़ने की आशंका है।
फल व्यापारी सुरेश ने बताया कि भारी बारिश के चलते फलों की आवक प्रभावित हुई है, इस पर नवरात्र आ रहे हैं, ऐसे में फलों के दाम बढ़ सकते हैं। केला और सेब के अलावा अन्य मौसमी फलों की मांग भी रहती है। स्थानीय फलों के अलावा बाकी फल बाहर से ही आते हैं, कश्मीर से सेब तो भुसाबल से केला आते हैं। जिनकी आवक संबंधित क्षेत्र में मौसम और फसल पर निर्भर करता है, उसी के अनुसार दाम भी तय होते हैं।