MP News: मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। डमी कर्मचारियों के खेल पर एमडी ने सख्त कार्रवाई का ऐलान किया कि टर्मिनेशन और FIR दोनों होंगे।
Employees Termination:राजगढ़ जिले में बिजली सप्लाई का काम देखने वाली मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (MPPTCL) में सालों से चल रहे फर्जीवाड़े का मामला अब जबलपुर एमडी तक पहुंचा है। एमडी सुनील तिवारी ने स्पष्ट किया है कि हमारी कंपनी में ऐसी गड़बड़ियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। ऐसी हरकत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को हम निलंबित नहीं टर्मिनेट करेंगे। यहीं बात खत्म नहीं होगी, हम मामले में फर्जीवाड़े की एफआइआर भी दर्ज करवाएंगे। (MP News)
दरअसल, एमपीपीटीसीएल कंपनी के राजगढ़, ब्यावरा डिविजन के करीब 10 सब-स्टेशनों पर कार्यरत डमी कर्मचारियों (Dummy Employees) का मामला विभाग के एमडी तक पहुंचा है। उन्होंने विजिलेंस टीम से अलग से जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि यदि जांच में ये दोषी पाए जाते हैं तो अधिकारी हो या कर्मचारी, हम बख्शेंगे नहीं। कंपनी में इस तरह की मनमानी बिल्कुल भी बर्दाश्त योग्य नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि बीते कई साल से चल रही इस गड़बड़ी कंपनी के वरिष्ठ अफसरों को भनक भी नहीं लगी थी। अब जब मामला उजागर हुआ तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी अपने बचने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। वहीं, गुना से भेजे गए जांच अधिकारी भी साक्ष्य और अन्य जानकारी जुटने में लगे है। हालांकि अब एमडी ने विजिलेंस टीम को भी अलग से जांच का जिम्मा सौंपा है। खुल सकती है अन्य विभागीय गड़बड़ियों की परते-जीरापुर में फर्जी मार्कशीट के सुपरवाइजर को पकड़ने के पीछे भी रुपयों का लेन-देन सामने आया है। साथ ही अन्य नियुक्तियों में भी लेन-देन के आरोप है।
हालांकि जो भुगतान डमी कर्मचारियों का होता था उस पर ब्यावरा एई के ही हस्ताक्षर होते आए हैं। अब उन पर लीपापौती की जा रही है. कर्मचारियों को मनाया जा रहा है, यह कहने के लिए तैयार किया जा रहा है कि वे बोलें कि वहीं के कर्मचारी हैं। साथ ही जांच को प्रभावित करने बेकडेट में भी बदलाव करने की आशंका है। वैसे एमडी ने स्पष्ट किया है कि सीसीटीवी और अन्य माध्यमों से इसकी जांच की जाएगी, जिसके बाद पूरी रिपोर्ट तैयार कर संलिप्त कर्मचारी, अधिकारी (डीई, एई, जेई व अन्य) पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। (MP News)
जिन भी डीई-एई की मिलीभगत से यदि इस तरह डमी कर्मचारी रखे गए हैं तो निश्चित ही उन पर कार्रवाई करूंगा और निलंबन नहीं, सीधे टर्मिनेट करूंगा। हमारा विजिलेंस सेल ऐसे ही मामलों में जांच करता है। मैं अपने ही लोगों (एसई, डीई. एई, जेई और अन्य कर्मचारी) के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने पर विश्वास करता हूं। यदि गड़बड़ी मिली तो निश्चित ही हम कार्रवाई तो करेंगे, साथ ह एफआइआर भी दर्ज करवाऊंगा। - सुनील तिवारी, एमडी, एमपीपीटीसीएल, जबलपुर