राजनंदगांव

CG Road Accident: ट्रक के चक्के में दबा मासूम बच्चा, हो गई दर्दनाक मौत, घर में पसरा मातम

CG Road Accident: स्थानीय के माने तो आज से दो माह पूर्व भी ऐसी ही दुर्घटना देर शाम नया बस स्टैंड के सामने भी हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई।

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CG Road Accident: 2 मई रविवार देर रात कचहरी मोड़ पर अपने ननिहाल आई घुमका पटेवा निवासी तीन वर्षीय मासूम का ट्रक के पिछले चक्के में आ जाने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद आसपास के लोगों के द्वारा मुख्य मार्गों को कई घंटे तक जाम कर दिया गया था। प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। घटना में रूपेंद्र साहू की बेटी निधि साहू जो 3 वर्ष की थी। जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उसके मामा अपने दो बच्चों के साथ उसे भी शहर में घुमाने निकले थे।

इस घटना के बाद शहर के इस मुख्य सड़क में एक से डेढ़ घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके की नजाकत को देखते हुए। स्थानीय लोगों को हर संभव समझाने का प्रयास किया। जिसके बाद डेढ़ घंटे का जाम को धीरे-धीरे सामान्य किया गया। वहीं इस घटना के बाद भाजपा शहर अध्यक्ष अमित जैन भी प्रशासन पर अपनी नाराजगी जताई।

उन्होंने गर्मजोशी के साथ प्रशासन को नसीहत दी कि यहां के लोगों ने मुख्य मार्ग में काफी आगे तक अतिक्रमण कर लिया है। जिससे इस मोड़ में आने जाने वाले राहगीरों को दूसरी ओर का रास्ता नहीं दिखता । प्रशासन को चाहिए कि इस प्रमुख मार्ग में अवैध कब्जे को हटाया जाए। जिससे आने वाले समय में फिर ऐसी कोई दुर्घटना ना हो। स्थानीय के माने तो आज से दो माह पूर्व भी ऐसी ही दुर्घटना देर शाम नया बस स्टैंड के सामने भी हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई।

टोल बचाने इस मार्ग का उपयोग कर रहे

कोरोना काल के बाद से इस मार्ग में बड़े वाहनों की लगातार इजाफा हो रहा है। जिस मार्ग में कभी लग्जरी बसें नहीं चलती थी। उस मार्ग में 15 से 20 लग्जरी बसें फर्राटेदार दौड़ रही हैं। शोरूम से निकले बड़े वाहन टोल बचाने के चक्कर में इस मार्ग का उपयोग कर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं जिस पर प्रशासनिक हस्तक्षेप कहीं भी नहीं दिखता । महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा हुआ यह शहर तीन अलग-अलग राज्य जाने के लिए यात्रियों का सुगम मार्ग बन गया है।

CG Road Accident: फाइल तक सीमित रह गया मुद्दा

बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए बाइपास का मुद्दा फिर से शहर वासियों के बीच उठने लगा है। जनप्रतिनिधियों की माने तो 2 वर्ष पूर्व बाइपास बनाने का प्रपोजल शासन को जा चुका है, लेकिन इस सरकार में यह फाइल दफ्तरों में धूल खा रही है। पूर्वोत्तर सरकार में जब प्रपोजल बनाया जा रहा था तो उसी दौरान ऐसी चर्चा जनमानस में थी कि शहर से 5 किलोमीटर दूर से ही भारी वाहनों को डायवर्ट करते हुए सीधा बनाराकला तक यह बाइपास बनेगा। परंतु यह प्रपोजल सर्वे के बाद से ठंडा बसते में चला गया है। अब भाजपा सरकार से उम्मीदें हैं।

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