राजनंदगांव

Pandit Pradeep Mishra: राजनांदगांव में 5 अगस्त तक होगी पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा, बताया बेल पत्र का महत्व

Pandit Pradeep Mishra: अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा के साथ पर्यावरण संरक्षण, अध्यात्म व पारिवारिक रिश्तों का महत्व बताया..

2 min read

Pandit Pradeep Mishra Shiv Mahapuran Katha in CG: गौरवपथ स्थित पद्मश्री स्व. गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में शुक्रवार को सावन मास में शिव महापुराण कथा की शुरुआत हुई। यह कथा 2 से 5 अगस्त तक होगी। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने सावन माह की शिवरात्रि की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि सावन में प्रत्येक व्यक्ति को बेल का एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। केवल पौधा लगाकर छोडऩा नहीं है, उसे संरक्षित करने का संकल्प भी लें।

Pandit Pradeep Mishra: हमारे कर्म अच्छे होने चाहिए

Pandit Pradeep Mishra: यदि बेल का पौधा नहीं लगा सकते तो किसी भी प्रजाति का पौधा अवश्य लगाएं। चाहे जैसे भी हो हमें हमारी धरती को हरा-भरा रखना है। पंडित मिश्रा ने कहा कि हमारे कर्म अच्छे होने चाहिए। यदि कर्म अच्छे हैं तो उसका फल हमें किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है। उन्होंने कहा कि हम तो केवल एक माध्यम हैं, बाकी जो जीवन में होना है उसकी रचना तो पहले ही प्रभु ने कर रखी है।

बेल पत्र के कई औषधीय गुण

कथावाचक पंडित मिश्रा ने बेल पत्र का महत्व कथा में बताया। बेल पत्र केवल भगवान शंकर को अर्पित नहीं होता। बल्कि इसके कई औषधीय गुण भी हैं। यदि किसी व्यक्ति को शुगर की समस्या है और रोजाना 15-20 दिनों तक बेल पत्र चबाकर खाता है, तो शुगर लेवल कम हो जाएगा और यह प्रमाणिक है। बेल पत्र खाने से वह हमारे उदर में जाता है। लिंग पुराण में उल्लेख है कि भगवान शंकर का उदर में निवास है।

Shiv Mahapuran Katha: शिवलिंग में जल चढ़ाने का भी नियम

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा में बताया कि जिस तरह से डॉक्टर दवाई खाने के लिए फार्मूला लिखकर देते हैं और उसी अनुसार खाने से हमारे शरीर को लाभ मिलता है। ठीक उसी तरह से शिवलिंग में जल, बेल पत्र, दूध, दही आदि चढ़ाने के भी नियम हैं। मन में भगवान के प्रति श्रद्धा का भाव लेकर नियम से अर्पण करना चाहिए। कथा के पहले दिन पार्थिव शिवलिंग पूजन की विधियों को बताया।

कथा पूरी तरह वर्चुअल

राजनांदगांव में शिव महापुराण कथा को लेकर पहले से कार्यक्रम तय नहीं था। अचानक तय हुए आयोजन में केवल पास वालों को ही एंट्री दी जा रही है। जिसकी संख्या ऑडिटोरियम के सीटों के अनुसार तय है। बाकी देश भर के लोग टीवी चैनलों व सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर सुन सकते हैं।

यह कथा 2 से 5 अगस्त तक चलेगी। पंडित मिश्रा के प्रवचन के दौरान तक भक्त ने कहा कि बेल का पौधा खुली जगहों पर लगाने से कोई भी बेल पत्र की जगह पूरे पौधें को उखाडक़र ले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि ऐसे में सबसे सुरक्षित स्थान श्मशान घाट के अलावा और कोई जगह नहीं हो सकता। यहां से कोई भी लेकर नहीं जाएगा।

Updated on:
03 Aug 2024 05:07 pm
Published on:
03 Aug 2024 05:06 pm
Also Read
View All
नक्सल नेटवर्क को तोड़ने की तैयारी… 1 करोड़ 5 लाख के इनामी रामधेर से केंद्रीय एजेंसियां करेंगी पूछताछ, खुलेंगे कई राज!

CG Job Placement: रोजगार का सुनहरा अवसर, 100 से अधिक पदों पर आज हो रही भर्ती

Naxal Surrender: 1 करोड़ के इनामी CCM रामधेर मज्जी समेत 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 6 महिलाएं भी शामिल

CG Tourism: जहां कभी गोलियों का साया था, अब गूंजेगी सैलानियों की कदमताल… डोंगरगढ़ के जंगल बनेंगे हिमाचल जैसी ट्रैकिंग डेस्टिनेशन, तैयारी शुरू

पति, सास और रिश्तेदार ने मिलकर कर दी नवविवाहिता की हत्या, पुलिस से बचने के लिए रची साजिश, फिर… जानें कैसे हुआ खुलासा

अगली खबर