दशहरा का महापर्व इस बार राजसमंद में और भी भव्य एवं रोमांचक होने जा रहा है।
राजसमंद. दशहरा का महापर्व इस बार राजसमंद में और भी भव्य एवं रोमांचक होने जा रहा है। आगामी 2 अक्टूबर को नगर परिषद की ओर से शहर के तीन प्रमुख स्थलों पर रावण के विशाल पुतलों का परंपरागत दहन किया जाएगा। इस मौके पर बड़ी सादड़ी के कुशल कलाकार पुतलों के निर्माण में जुटे हैं और उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने बताया कि शिवपाल कृष्णा स्टेडियम, कांकरोली, फव्वारा चौक, राजनगर और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर, धोईंदा में दशहरे के दिन रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। कांकरोली में 51 फीट ऊंचा और राजनगर व धोईंदा में 35-35 फीट के पुतले जलाए जाएंगे।
इस बार रावण का पुतला स्थिर नहीं होगा, बल्कि इसमें तकनीकी मूवमेंट जोड़ा गया है। पुतले के दहन से पहले वह सिगरेट फूंककर अपना घमंड दिखाएगा और फिर नाभि में घूमते चक्र के साथ प्रज्वलित होगा। तीनों स्थानों पर दहन के पूर्व भव्य आतिशबाजी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सजावटी कलाकृतियां और हवाई नज़ारे मुख्य आकर्षण होंगे।
नगर परिषद आयुक्त ब्रजेश राय ने बताया कि पुतलों के निर्माण पर कुल 4.85 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि आतिशबाजी का बजट 2 लाख रुपए रखा गया है। कांकरोली में रावण दहन से पूर्व प्रभु श्री राम की भव्य सवारी निकाली जाएगी, जो मंदिर मार्ग, बड़ा दरवाजा, चौपाटी और जेके मोड़ से होकर बालकृष्ण स्टेडियम पहुंचेगी। धोईंदा और राजनगर में भी इसी प्रकार की सवारी होगी।
नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने कहा कि बालकृष्ण स्टेडियम में इस बार सबसे बड़ा 51 फीट ऊंचा मूवमेंट वाला रावण जलाया जाएगा। इस पुतले के निर्माण में निम्बाहेड़ा के अनुभवी कलाकारों का योगदान है। स्टेडियम में रावण दहन से पहले रंग-बिरंगी आतिशबाजी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी। दशहरा पर्व पर हजारों लोग इन स्थलों पर उमड़ेंगे और बुराई पर अच्छाई की विजय के इस अद्भुत क्षण के साक्षी बनेंगे। पहली बार राजसमंद में तकनीकी मूवमेंट वाला रावण पुतला देखने को मिलेगा, जो दर्शकों को नया और रोमांचक अनुभव देगा।