सुबह जैसे ही पुलिस लाइन स्थित अन्वेषण भवन में ड्रोन से एयर स्ट्राइक की सूचना मिली, पूरा प्रशासन हरकत में आ गया।
राजसमंद. सुबह जैसे ही पुलिस लाइन स्थित अन्वेषण भवन में ड्रोन से एयर स्ट्राइक की सूचना मिली, पूरा प्रशासन हरकत में आ गया। चारों ओर सायरन बजने लगे, सुरक्षा बलों के कदम तेज़ हो गए और प्रशासनिक तंत्र की घड़ी की सूइयों से भी तेज़ गति दिखी। पहला अलर्ट मिलते ही जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा, एडीएम नरेश बुनकर, एडिशनल एसपी महेंद्र पारीक और रजत विश्नोई समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर रवाना हो गए। पूरे परिसर में सन्नाटा और सतर्कता का मिला-जुला दृश्य नजर आने लगा।पुलिस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस और मेडिकल टीमें एक साथ पहुंचींजैसे ही सूचना मिली, नगर परिषद की फायर ब्रिगेड धूं-धूं कर उठती आग की लपटों के बीच घुसी और बिना समय गंवाए आग पर काबू पा लिया। इधर, घायल जवानों को संभालने के लिए सिविल डिफेंस और पुलिसकर्मी मौके पर डटे हुए नजर आए। एक जवान को कंधे पर उठाकर सीढ़ियों से नीचे लाया गया, यह दृश्य मॉक ड्रिल की गंभीरता और टीम की मुस्तैदी का जीवंत प्रमाण बन गया।
घायलों को नजदीकी अस्थाई अस्पताल में पहुंचाया गया जहां सीएमएचओ डॉ. हेमंत बिंदल और पीएमओ डॉ. रमेश रजक खुद टीम के साथ मौजूद रहे। ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाएं, स्ट्रेचर, और नर्सिंग स्टाफ तत्परता से तैयार थे। गंभीर रूप से घायल जवानों को आर.के. जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। इसी बीच जिला कलक्टर असावा प्रत्येक घायलों का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। सबकी कुशलक्षेम पहुंची।
यह मॉक ड्रिल न केवल एक आपातकालीन अभ्यास था, बल्कि प्रशासन की तैयारियों का लाइव टेस्ट भी था। पुलिस, चिकित्सा दल, अग्निशमन विभाग, नगर परिषद, एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स, माय भारत व अन्य स्वयंसेवी संगठन सभी ने मिलकर एक रियल क्राइसिस जैसे हालात में अनुशासन और समन्वय का शानदार उदाहरण पेश किया।
“सभी दलों की तत्परता सराहनीय, इसी अलर्टनेस की भविष्य में आवश्यकता है। मॉक ड्रिल के समापन पर जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने प्रत्येक टीम से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी सक्रियता की प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि यह ड्रिल भविष्य की किसी भी आपदा के लिए हमारी तैयारियों को दर्शाती है। हमारी प्राथमिकता हर नागरिक की सुरक्षा है और इसमें किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”