जिले के लोकसभा परिणामों में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं। जिसमें राजसमंद सीट के सीट के लिए चुनाव परिणाम पर गौर करें तो यहां पर कुल दस प्रत्यशी मैदान में भाग्य आजमा रहे थे।
राजसमंद. जिले के लोकसभा परिणामों में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं। जिसमें राजसमंद सीट के सीट के लिए चुनाव परिणाम पर गौर करें तो यहां पर कुल दस प्रत्यशी मैदान में भाग्य आजमा रहे थे। लेकिन इनमें से भी आठ प्रत्याशी ऐसे रहे जो नोटा के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर सके। इस चुनाव में नोटा को कुल 12411 मत मिले। जबकि एक प्रत्याशी नौ हजार से कुछ अधिक वोट ही हासिल कर पाया। जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों पर भी गौर करें तो सभी स्थानों पर मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया है। लेकिन कुछ जगहों पर नोटा का इश्तेमाल ही नहीं किया गया। राउंडवार मतगणना के आंकड़ों पर देखें तो नोटा को सबसे अधिक मत 20वें राउंड में मिले। यहां कुल 555 मत नोटा को पड़े। लेकिन दो राउंड ऐसे भी रहे। जहां पर एक राउं में कुल पांच मत मिले। जबकि एक राउंड ऐसा रहा जहां पर नोटा को एक भी मत नहीं मिला। इससे साफ जाहिर है कि आठ अन्य प्रत्याशी नोटा से भी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो सके। इधर लोकसभा के चुनाव परिणाम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने पर जिला कलक्टर डा.भंवरलाल ने सभी का आभार जताया है।
9135 रामकिशन भादू को मिले वोट
1940 घनश्याम सिंह को मिले वोट
1144 प्रमोद कुमार वर्मा को मिले वोट
1244 अर्पित छाजेड़ को मिले वोट
1815 जितेन्द्र कुमार खटीक को वोट
4053 धर्मसिंह रावत को मिले वोट
3374 नारायण सोनी को मिले वोट
7831 नीरूराम कापरी को मिले वोट
नोटा के उपयोग पर एक नजर
2024 में नोटा को 12411 मत मिले
2019 में नोटा को 12671 मत मिले
2014 में नोटा को 17182 मत मिले
लोकसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करें तो कुल दस प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से आठ प्रत्याशी ऐसे रहे जो इस चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। निर्वाचन आयोग के अनुसार सांसद की उम्मीद्वारी के लिए आवेदन के साथ 25 हजार रुपए की अमानत राशि जमा करवानी होती है। कुल मतदान का न्यूनतम 1/6 या 16.66 प्रतिशत मत हासिल करने पर अमानत राशि वापस लौटाई जाती है। अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाता है। लोकसभा के चुनाव में 10 उम्मीद्वार मैदान में भाग्य आजमा रहे थे। जिनमें से 8 उम्मीद्वारों की जमानत ही जब्त हो गई।
भारत में पहली बार साल 2013 के विधानसभा चुनावों में नोटा के बटन का पहली बार इस्तेमाल किया गया था। इससे उन मतादातओं को विकल्प मिला था, जो किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते थे।
जानकारी के अनुसार जब नोटा का उपयोग किए जाने की बात सामने आई तो सबसे पहले चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में इसे लागू किया गया था। ईवीएम में नोटा के बटन को प्रत्याशियों के बाद जोड़ा गया है। इसके जोड़ने के बाद छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत दिल्ली ऐसे क्षेत्र थे। जिसमें नोटा का इश्तेमाल चुनाव में किया गया।