राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर निकाली जा रही रथयात्राओं को लेकर कुंभलगढ़ की राजनीति में उबाल आ गया है।
कुंभलगढ़. राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर निकाली जा रही रथयात्राओं को लेकर कुंभलगढ़ की राजनीति में उबाल आ गया है। कांग्रेस नेता योगेंद्र सिंह परमार ने इस रथयात्रा को लेकर सरकार और स्थानीय विधायक पर तीखा हमला बोलते हुए इसे जनता के साथ खुला मज़ाक करार दिया है। परमार ने सवाल उठाया कि जब धरातल पर कोई ठोस उपलब्धि नज़र नहीं आती, तो फिर रथयात्रा आखिर किस बात के जश्न में निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि दो साल पूरे होने के नाम पर प्रचार का शोर तो बहुत है, लेकिन कुंभलगढ़ की ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। विकास के दावे मंचों तक सीमित हैं, जबकि आम जनता आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार और कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने क्षेत्रवासियों को केवल बड़े-बड़े सपने दिखाए हैं। पेयजल संकट जस का तस बना हुआ है, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। परमार ने कहा कि रथयात्रा के माध्यम से सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। विकास कार्यों की बजाय प्रचार पर अधिक ज़ोर दिया जा रहा है, जबकि आम लोग रोजमर्रा की समस्याओं से जूझने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पतालों में आज भी पर्याप्त स्टाफ और संसाधनों का अभाव है और ग्रामीण इलाकों में बेहतर सड़क एवं परिवहन सुविधाएं केवल कागज़ों तक सीमित हैं। कांग्रेस नेता ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि अगर वास्तव में विकास हुआ है, तो जनता को उसके ठोस परिणाम दिखाई क्यों नहीं देते। उनके अनुसार, बिना उपलब्धियों के जश्न मनाना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है और जनता इसे भली-भांति समझ रही है।