अब आधार ई-केवाईसी करवाया जाना अनिवार्य हो गया है। इसके कारण आधार कार्ड में किसी भी तरह की त्रुटि है तो जनआधार से ई-केवाईसी नहीं हो पाएगी। इसके कारण त्रुटियों में सुधार करवाया जाना आवश्यक हो गया है।
Rajsamand News : राजसमंद. जनआधार में त्रुटि सुधार के लिए अब लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसमें सुधार के लिए सांख्यिकी विभाग की ओर से ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क शुरू की है। संबंधित कार्मिकों के फोन पर सम्पर्क कर समस्या का समाधान कराया जा सकता है। पूर्व में त्रुटि सुधार के लिए जिला स्तर पर आवेदन करना पड़ता था। जनआधार की आवश्यक दस्तावेजों में गिनती होती है। कई योजनाओं का लाभ इसी से मिलता है। जनआधार कार्ड में लाभार्थी के नाम, जन्म तिथि, पता सहित कई चीजें इसमें इन्द्राज है।
अब आधार ई-केवाईसी करवाया जाना अनिवार्य हो गया है। इसके कारण आधार कार्ड में किसी भी तरह की त्रुटि है तो जनआधार से ई-केवाईसी नहीं हो पाएगी। इसके कारण त्रुटियों में सुधार करवाया जाना आवश्यक हो गया है। इसके लिए पहले जिला स्तर पर आवेदन करना पड़ता था। गत दिनों आयोजन विभाग के शासन सचिव ने जनआधार योजना की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को आमजन को जनआधार (Janaadhar) के संबंध में आ रही समस्याओं के निस्तारण के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए। इसके चलते प्रत्येक ब्लॉक पर हेल्प डेस्क बनाकर कार्मिकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन कार्मिकों से कर सकते हैं सम्पर्क
जिला सांख्यिकी अधिकारी विभाग के उप निदेशक सोहनलाल बुनकर ने बताया कि जिला कार्यालय में हेल्प डेस्क पर तैनात अंकुर मेहता, मनीषा गुर्जर से सम्पर्क कर सकते हैं। भीम में आशीष मान व अमित पचेरवाल, देवगढ़ में राहुल सिसोदिया व विरेन्द्र विकास साहू, आमेट में दिग्पाल सिंह चुण्डावत, राजसमंद में प्रीति कुंवर चौहान, किशन सिंह, रेलमगरा में कृष्ण कुमार रातावल व अनुराधा मीना, खमनोर में ललित कुमार मेघवाल एवं कुंभलगढ़ में अखिल गुप्ता को डेल्प डेस्क की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डिलीट होने पर मान लेते थे मृत
जनआधार (JanaadharCard) में किसी भी सदस्य का नाम गलती से डिलीट होने पर उसे मृत मान लिया जाता था। इसके कारण उसे किसी प्रकार की योजना का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब वह व्यक्ति भी अपने दस्तावेजों के साथ जिला कार्यालय में उपस्थित होकर ई-केवाईसी करवा सकता है। जनआधार में त्रुटि सुधार के लिए पहले जिला स्तर अपील करनी पड़ती थी। वहां से उक्त अपील को जांच के लिए सांख्यिकी विभाग भेजा जाता था। वहां से उस समस्या का समाधान कर जिला प्रशासन को अवगत कराया जाता था। ऐसे में अब तक 692 लोगों की समस्या का निस्तारण किया जा चुका है, जबकि 382 लोग ऐसे हैं जिन्हें सुनवाई का मौका दिया गया है, लेकिन वह अभी तक नहीं आ रहे हैं।
3.62 लाख जनआधार से जुड़े परिवार
13.92 लाख नामांकित सदस्य जनआधार में
1379 ने जिला स्तर पर किए थे आवेदन
0692 आवेदनों का किया गया निस्तारण
303 लोगों के आवेदन किए रिजेक्ट