राजसमंद

रिद्धि की खोजः पानी में डूबते व्यक्ति को बचाएगा रिमोट कंट्रोल्ड ‘लाइफगार्ड’

विज्ञान की दुनिया में एक बार फिर छोटे शहर की बड़ी सोच ने सबका ध्यान खींचा है।

2 min read
Ridhi Paliwal

नाथद्वारा (राजसमंद). विज्ञान की दुनिया में एक बार फिर छोटे शहर की बड़ी सोच ने सबका ध्यान खींचा है। नाथद्वारा की प्रतिभाशाली छात्रा रिद्धि पालीवाल ने एक ऐसा अभिनव प्रोजेक्ट तैयार किया है जो जल हादसों में नई उम्मीद की किरण साबित हो सकता है। रिद्धि ने रिमोट कंट्रोल्ड लाइफगार्ड नामक ऐसा स्मार्ट उपकरण विकसित किया है, जो पानी में डूब रहे व्यक्ति को कुछ ही सेकंड में सुरक्षित किनारे तक पहुँचाने में सक्षम है। अब इस प्रोजेक्ट का चयन राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए किया गया है।

मेहनत और नवाचार की मिसाल

रिद्धि पालीवाल ने यह मॉडल उदयपुर के सेक्टर-11 स्थित राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला शिक्षा प्राधिकरण की विज्ञान प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया था। वहां इस प्रोजेक्ट को निर्णायकों ने जिला स्तर पर प्रथम श्रेणी में चयनित किया, जिसके बाद अब यह राज्य स्तर की प्रदर्शनी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेगा। रिद्धि ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की प्रेरणा उसे तब मिली, जब उसने समाचारों में झीलों और नदियों में डूबने से होने वाली मौतों के आंकड़े देखे। उसने सोचा अगर कोई ऐसी मशीन हो, जो डूबते व्यक्ति तक तुरंत पहुंच सके, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

कैसे काम करता है ‘रिमोट कंट्रोल्ड लाइफगार्ड’?

रिद्धि का यह मॉडल पूरी तरह रिमोट से नियंत्रित होता है। इसमें दो वॉटर-जेट प्रोपेलर्स लगे हैं, जो मशीन को पानी में आगे बढ़ाते हैं। इसकी अधिकतम गति 10 नॉट प्रति सेकंड तक है, यानी यह पारंपरिक लाइफ बोट से कई गुना तेज़ चल सकता है।

मुख्य विशेषताएं:

  • हाई-पेनेट्रेशन फ्लैशिंगफॉगलाइट्स: ताकि रात या कोहरे में भी यह दूर से दिखाई दे सके।
  • मेटल शील्ड प्रोटेक्शन:प्रोपेलर्स धातु आवरण में बंद हैं, जिससे यह किसी व्यक्ति को चोट नहीं पहुँचाता।
  • दो व्यक्तियों को एक साथ वहन करने की क्षमता: आपात स्थिति में यह दो लोगों को सुरक्षित तैराकर किनारे तक लाने में सक्षम है।
  • रिमोट ऑटो स्टॉप सिस्टम: जैसे ही व्यक्ति सुरक्षित क्षेत्र में पहुँचता है, उपकरण स्वतः गति कम कर देता है।

विज्ञान में सोच का नया आयाम

रिद्धि ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में उसने इलेक्ट्रॉनिक्स, भौतिकी और यांत्रिकी (मैकेनिक्स) के सिद्धांतों को एक साथ जोड़ा है। उसका उद्देश्य यह दिखाना था कि विज्ञान केवल प्रयोगशाला की सीमा में नहीं, बल्कि आम जनजीवन की सुरक्षा में भी उपयोगी हो सकता है। अगर इस उपकरण को बड़े पैमाने पर विकसित किया जाए, तो यह जल पर्यटन स्थलों, स्विमिंग पूलों, नदियों और झीलों में डूबने की घटनाओं को काफी हद तक रोक सकता है, रिद्धि पालीवाल।

पहले भी मिला है राष्ट्रीय प्रोत्साहन

इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पूर्व में 10,000 रूपए की नकद प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है। यह राशि इनोवेशन इन साइंस प्रोजेक्ट स्कीम के तहत प्रदान की गई थी। इस सम्मान ने रिद्धि का आत्मविश्वास और बढ़ाया।

समाज के लिए उपयोगी नवाचार

विशेषज्ञों के अनुसार, रिद्धि का यह मॉडल उन तकनीकी नवाचारों में से है जो आपदा प्रबंधन और जल सुरक्षा के क्षेत्र में नई दिशा दे सकते हैं। राज्य शिक्षा विभाग ने भी इस प्रोजेक्ट को सामाजिक उपयोगिता आधारित नवाचार श्रेणी में शामिल किया है।

आगे की राह

अब रिद्धि का अगला पड़ाव राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी है, जहां वह राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेगी। सफलता मिलने पर उसे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

Updated on:
10 Oct 2025 12:44 pm
Published on:
10 Oct 2025 12:41 pm
Also Read
View All

अगली खबर