जिले में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (एमएफटीएल) पिछले छह महीनों से निष्क्रिय पड़ी है
राजसमंद. जिले में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (एमएफटीएल) पिछले छह महीनों से निष्क्रिय पड़ी है। अक्टूबर 2023 में ब्यावर से लौटते समय वैन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिससे इसके उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए। तब से यह वैन सीएमएचओ कार्यालय में खड़ी है, और अभी तक इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है।
'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान के तहत यह वैन राजसमंद और ब्यावर में 15-15 दिन संचालित होती थी, जिससे आम जनता को नि:शुल्क खाद्य पदार्थों की जांच की सुविधा मिलती थी। वैन के माध्यम से मौके पर ही दूध, मावा, मसाले आदि की जांच की जाती थी, जिससे मिलावटखोरों पर त्वरित कार्रवाई संभव होती थी।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, वैन की मरम्मत के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र लिखा गया है और एजेंसी ने इसका एस्टीमेट भी तैयार किया है। अब इश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि के आने का इंतजार है, जिसके बाद मरम्मत का कार्य शुरू होगा।
हालांकि, विभाग का दावा है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी नियमित रूप से खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहे हैं। पिछले साल भारी मात्रा में दूषित मावा और नकली घी जब्त किया गया था, जिससे मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया था।
वैन के निष्क्रिय होने से आम जनता को खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। त्योहारों के मौसम में मिलावटखोरों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, ऐसे में वैन की अनुपलब्धता से खाद्य सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।