रामपुर जेल में बंद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला ने परिवार से मिलने से इनकार कर दिया। जिससे परिजन एक घंटे इंतजार के बाद लौट गए। उधर उनके कई पुराने मामलों की सुनवाई भी टल गई।
रामपुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान ने बुधवार को अपने परिवार से मिलने से मना कर दिया। पत्नी तंजीम फातिमा, बड़ा बेटा अदीब और बहन निखहत अखलाक जेल पहुंचे। लेकिन दोनों नेताओं के इनकार के कारण बिना मुलाकात लौटना पड़ा।
रामपुर जेल में बंद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला द्वारा अचानक परिवार से मिलने से इनकार किए जाने पर बुधवार को जेल परिसर में अजीब स्थिति बन गई। तंजीम फातिमा, बड़े बेटे अदीब और निखहत अखलाक निर्धारित समय पर जेल पहुंचे थे। तीनों करीब एक घंटे तक मुलाकात की पर्ची लेकर इंतजार करते रहे। लेकिन जेल अधिकारियों ने उन्हें सूचना दी कि अंदर से ही मुलाकात नहीं करनी है। बाहर आते समय तंजीम फातिमा ने बताया कि न तो अब्दुल्ला ने और न ही आजम खान ने उनसे मिलने की हामी भरी। वजह के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
जेल जाने से पहले आजम ने कहा था कि कोर्ट ने उन्हें दोषी माना है। और वे फैसले का सम्मान करते हैं। वहीं उनके जेल में पहुंचने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अन्याय करने वालों का अंत अच्छा नहीं होता और वक्त सब देख रहा है।
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे में आरोप तय नहीं हो पाए। और अगली तिथि 23 दिसंबर निर्धारित की गई। इसी दिन जिला कारागार के पीछे स्थित फांसीघर की जमीन पर कब्जे से जुड़े मामले की भी सुनवाई होगी। जिसमें आरोप है कि दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया था।
अब्दुल्ला खान पर 2022 के विधानसभा उपचुनाव के दौरान वोटरों को धमकाने और मारपीट करने का आरोप वाला मामला भी बुधवार को आगे नहीं बढ़ सका, क्योंकि गवाह अदालत में पेश नहीं हुए। इस केस की अगली सुनवाई भी 23 दिसंबर तय हुई है।
इसके अलावा झूठे एफिडेविट मामले में कोर्ट ने चुनाव कार्यालय से नामांकन प्रक्रिया का DVR मंगाया है। इस केस पर 19 दिसंबर को आगे की सुनवाई होगी। भड़काऊ भाषण वाले मामले में फाइनल बहस मंगलवार को होनी थी, लेकिन प्रॉसीक्यूशन द्वारा स्टे एप्लिकेशन देने पर बहस 9 दिसंबर तक टल गई।