railway line doubling and electrification: एमपी के दो जिलों को जोड़ने वाली इस रेलवे लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण कार्य अंतिम चरण में है। दिसंबर तक पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट औद्योगिक विकास, जीडीपी ग्रोथ और रोजगार की रफ्तार बढ़ाएगा। (mp news)
mp news: रेलवे का करीब 1100 करोड़ रुपए की लागत से नीमच से रतलाम (ratlam-neemuch railway) तक दोहरीकरण का काम अंतिम चरण में है। इसके साथ-साथ इस रेल लाइन पर विद्युतकरण भी हो रहा है। इस काम को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर का है। इससे रतलाम, मंदसौर व नीमच की अर्थव्यवस्था को सबसे अधिक लाभ होगा। रेलवे का दोहरीकरण कार्य के पूरे होने के बाद यात्री ट्रेन की संख्या तो बढ़ेगी ही इसके साथ साथ मालगाड़ियों की संख्या भी बढ़ेगी। इतना ही नहीं, रतलाम सहित मंदसौर व नीमच की जीडीपी में इससे ग्रोथ होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। (railway line doubling and electrification)
1100 करोड़ रुपए की लागत से दोहरीकरण कार्य हो रहा है। इसके लिए राशि सितंबर 2021 में जारी की। इसके बाद टेंडर आदि हुए। नीमच से दलोदा, दलौदा से बड़ायला चौरासी व बड़ायला चौरासी से रतलाम तक ये कार्य हो गया है या कहीं पर अंतिम चरण में है। अब अलग-अलग स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म, पेनल रुम, यात्री प्रतिक्षालय, नए प्लेटफॉर्म बनाने का काम अंतिम दौर में है।
14 लाख की आबादी वाले रतलाम जिले में राज्य शासन के अनुसार प्रति व्यक्ति आय जिले में आय का मुख्य स्रोत कृषि क्षेत्र है और प्रति व्यक्ति आय 1,40,583 रुपए है। इसको प्रति माह के अनुसार देखा जाए तो करीब 11,715 हजार रुपए प्रतिमाह आय है। ऐसे में तेज गति की नई ट्रेन चलने, मालगाड़ियों की संख्या बढ़ने के साथ साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे। रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने कहा कि जब भी रेलवे का कोई प्रोजेक्ट पूरा होता है तो इससे सभी को लाभ होता है। नीमच-रतलाम दोहरीकरण से यात्रियों को तेज गति की ट्रेन मिलेगी तो गुड्स की दृष्टि से भी लाभ होगा।
रतलाम में कई तरह के उद्द्योग जैसे तांबे की तार, प्लास्टिक की रस्सियां, रसायन, ऑक्सीजन, सोना, चांदी, रतलामी साड़ी, और हस्तशिल्प काम होता है। इन उद्योग को दोहरीकरण से एक्सपोर्ट में लाभ होगा।