Zodiac Compatibility: आज की Gen Z जनरेशन प्यार में दिल से नहीं, अब दिमाग से काम ले रही है। पहले के लोग जहाँ दिल मिले तो बात बने मानते थे, वहीं आज के दौर में लोग कहते हैं – राशि मिले तो रिलेशनशिप टिकेगा। जानिए, क्या है ये राशि कम्पैटिबिलिटी।
Zodiac Compatibility: आज की Gen Z जनरेशन प्यार में दिल से नहीं, अब दिमाग से काम ले रही है। पहले के लोग जहां दिल मिले तो बात बने मानते थे, वहीं आज के दौर में लोग कहते हैं राशि मिले तो रिलेशनशिप टिकेगा। हाल ही में एक सर्वे में सामने आया कि करीब 51% सिंगल्स अब किसी रिलेशनशिप में जाने से पहले राशियों की कम्पैटिबिलिटी चेक करना जरूरी समझते हैं। यानी अब सिर्फ कनेक्शन नहीं, बल्कि कोस्मिक कनेक्शन भी मायने रखता है।जानिए, क्या है ये राशि कम्पैटिबिलिटी।
इंदौर की रिलेशनशिप कोच और मैचमेकर राधिका मोहता बताती हैं कि आजकल लोग रिश्ते की शुरुआत करने से पहले सामने वाले की राशि जरूर पूछते हैं। हाल ही में उनकी मुलाकात एक IIM अहमदाबाद एलुमनस से हुई, जो अपने करियर में तो बेहद सफल थे लेकिन लाइफ पार्टनर चुनने में सबसे ज्यादा ध्यान इस बात पर दे रहे थे कि उनकी राशि और पार्टनर की राशि मेल खाती है या नहीं।
भारत में कुंडली मिलान शादी की परंपरा का हिस्सा सदियों से रहा है। लेकिन अब यह केवल शादी तक सीमित नहीं, बल्कि डेटिंग कल्चर में भी अपनी जगह बना चुका है। हाल ही में Happn डेटिंग ऐप के एक सर्वे में सामने आया कि 51% भारतीय सिंगल्स रिश्तों में राशि कम्पैटिबिलिटी को अहम मानते हैं। वहीं, 27% लोग इसे जरूरी तो मानते हैं, लेकिन फाइनल डिसीजन नहीं।
Gen Z और Millennials पीढ़ी रिश्तों को लेकर पहले से ज़्यादा सतर्क हो गई है। वे चारों तरफ ब्रेकअप, तलाक और असफल रिश्ते देखते हैं, इसलिए यह जानना चाहते हैं कि आखिर कौन सा रिश्ता सही चलेगा। मोहता कहती हैं, “ज्योतिष भले ही गारंटी नहीं देता, लेकिन यह लोगों को थोड़ा सुरक्षित महसूस कराता है।”सोशल मीडिया और ज्योतिषीय ऐप्स ने भी राशियों को ट्रेंडी और कूल बना दिया है। अब राशियों पर आधारित मीम्स, रिलेशनशिप एडवाइस और वीडियो युवाओं की डेटिंग लाइफ का हिस्सा बन चुके हैं।