धर्म और अध्यात्म

Devuthani Ekadashi Date: रवि योग में मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी, जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा से जुड़े उपाय

Devuthani Ekadashi Date: एकादशी दीपावली के बाद आने वाली सबसे महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है, जब भगवान विष्णु 'योगनिद्रा' से जागते हैं और संसार की गतिविधियां फिर से गति पकड़ती हैं।

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Oct 24, 2025
Ravi Yoga puja for Devuthani Ekadashi|फोटो सोर्स – Patrika.com

Devuthani Ekadashi Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी इस बार रवि योग में मनाई जाएगी, जो इसे और भी विशेष और फलदायी बनाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आने वाली सबसे महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है, जब भगवान विष्णु 'योगनिद्रा' से जागते हैं और संसार की गतिविधियां फिर से गति पकड़ती हैं। ज्योतिषाचार्या और टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, इस दिन का महत्व बहुत अधिक है और इसे विशेष पूजा-पाठ, व्रत और उपायों के साथ मनाने से जीवन में समृद्धि और सुख-शांति आती है। आइए, जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि से जुड़े खास उपाय, जिन्हें अपनाकर आप इस खास दिन का भरपूर लाभ उठा सकते हैं।

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रवि योग में मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी


इस साल देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। इसी दिन चातुर्मास की समाप्ति होगी और शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होगी।

रवि योग में एकादशी

इस बार देवउठनी एकादशी पर रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है। यह योग सुबह 6:33 से शाम 6:20 बजे तक रहेगा। साथ ही ध्रुव योग प्रातः से आरंभ होकर 2 नवंबर की तड़के 2:10 बजे तक रहेगा। इसके बाद व्याघात योग लगेगा। एकादशी के दिन शतभिषा नक्षत्र शाम 6:20 बजे तक रहेगा और उसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा।

देवउठनी एकादशी का महत्व

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा के बाद जागते हैं। इसी कारण इसे प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भक्त विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। परंपरा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवी तुलसी (वृंदा) से विवाह किया था। इस वर्ष तुलसी विवाह 5 नवंबर को मनाया जाएगा।

इन बातों का रखें ध्यान

  • इस दिन चावल, मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है।
  • किसी महिला का अपमान या किसी से विवाद नहीं करना चाहिए।
  • क्रोध, काम और लोभ से दूर रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

देवउठनी एकादशी गीत

उठो देव बैठो देव
हाथ-पांव फटकारो देव
उंगलियां चटकाओ देव
सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
गन्ने का भोग लगाओ देव
सब चीजों का भोग लगाओ देव ॥
उठो देव बैठो देव
उठो देव, बैठो देव
देव उठेंगे कातक मोस
नयी टोकरी, नयी कपास
जारे मूसे गोवल जा
गोवल जाके, दाब कटा
दाब कटाके, बोण बटा
बोण बटाके, खाट बुना
खाट बुनाके, दोवन दे
दोवन देके दरी बिछा
दरी बिछाके लोट लगा
लोट लगाके मोटों हो, झोटो हो
गोरी गाय, कपला गाय
जाको दूध, महापन होए,
सहापन होएI
जितनी अम्बर, तारिइयो
इतनी या घर गावनियो
जितने जंगल सीख सलाई
इतनी या घर बहुअन आई
जितने जंगल हीसा रोड़े
जितने जंगल झाऊ झुंड
इतने याघर जन्मो पूत
ओले कोले, धरे चपेटा
ओले कोले, धरे अनार
ओले कोले, धरे मंजीरा
उठो देव बैठो देव

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Published on:
24 Oct 2025 03:59 pm
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