Diwali 2025: इस साल दीपावली 2025 का पर्व खास खगोलीय संयोग लेकर आ रहा है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दो दिन तक रहने वाली है, जिसके चलते कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर लक्ष्मी पूजन किस दिन करना शुभ रहेगा।
Diwali 2025: दीपावली, जिसे हम दिवाली भी कहते हैं, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन 2025 में खास बात यह है कि कार्तिक मास में दो अमावस्या पड़ रही हैं। इससे कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि इस साल लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब होगा प्रदोष काल या निषीथ काल? जानिए जरुरी जानकरी यहां।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर (सोमवार) दोपहर 3:45 बजे से होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर (मंगलवार) शाम 5:50 बजे होगा। इस कारण से यह अमावस्या दो दिन रहने वाली है। हालांकि, ज्योतिषीय दृष्टि से दीपावली का पूजन पहले दिन यानी 20 अक्टूबर को ही शुभ माना गया है क्योंकि उस दिन प्रदोष काल और निषीथ काल दोनों उपलब्ध होंगे।
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, लक्ष्मी पूजन प्रदोष और निषीथ काल में ही शुभ माना गया है। 20 अक्टूबर की शाम को ये दोनों काल रहेंगे, इसलिए लक्ष्मी पूजन इसी दिन करना श्रेष्ठ रहेगा। अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को अमावस्या सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी, जिसके कारण उस दिन दीपावली पूजन का योग नहीं रहेगा।21 अक्टूबर की सुबह स्नान और दान के लिए कार्तिक अमावस्या का पालन किया जाएगा।
हिंदू धर्म में प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद का समय होता है, जबकि निषीथ काल मध्य रात्रि का समय माना जाता है। ऐसा कहा गया है कि मां लक्ष्मी इसी निषीथ काल में पृथ्वी पर आती हैं, इसलिए इस समय दीप जलाना और पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
| तिथि | दिन | पर्व |
|---|---|---|
| 18 अक्टूबर 2025 | शनिवार | धनतेरस |
| 19 अक्टूबर 2025 | रविवार | रूप चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी) |
| 20 अक्टूबर 2025 | सोमवार | दीपावली और लक्ष्मी पूजन |
| 21 अक्टूबर 2025 | मंगलवार | स्नान-दान अमावस्या |
| 22 अक्टूबर 2025 | बुधवार | गोवर्धन पूजा |
| 23 अक्टूबर 2025 | गुरुवार | भाई दूज |