Hariyali Teej: शिव-पार्वती के प्रिय मंत्रों और भजनों का जाप और गायन करने से पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है। यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करता है, बल्कि मन को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है।
Hariyali Teej 2025:हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जिसमें वे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके सौभाग्य, प्रेम और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। यह दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जब प्रकृति हरियाली से भर जाती है और वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस अवसर पर शिव-पार्वती के प्रिय मंत्रों और भजनों का जाप और गायन करने से पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है। यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करता है, बल्कि मन को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है।
हरियाली तीज केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है, जिसमें मंत्रों और भजनों का अत्यंत महत्व होता है। मंत्रों का उच्चारण हमारे मानसिक और आध्यात्मिक स्तर को ऊंचा उठाता है, जिससे शिव और पार्वती की कृपा सहजता से प्राप्त होती है। वहीं भजन गाने से पूजा का माहौल और अधिक भक्तिमय बन जाता है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। खासकर विवाहित महिलाएं जब भक्ति भाव से ये मंत्र और भजन गाती हैं, तो उनका वैवाहिक जीवन मजबूत होता है और सुख-शांति बनी रहती है। इसलिए हरियाली तीज पर शिव-पार्वती के प्रिय मंत्र और भजन बोलना न सिर्फ परंपरा है, बल्कि एक शक्ति-संचार का माध्यम भी है।
भजन 1: "भोलेनाथ तेरी छाया में"
भोलेनाथ तेरी छाया में,
हर दर्द मेरा मिट जाए।
शिव शंकर जब साथ चलें,
जीवन सरल बन जाए।
भजन 2: दूध भांग चढ़ाएं तुझको,
बेलपत्र से करें पूजन।
हरियाली तीज पर भोले,
तेरा ही लूं नाम हर क्षण।
भजन 3: कंचन जैसी सी महिमा,
हर नारी में है रूप तुम्हारा।
भक्ति भाव से जो पूजा करे,
उस पर सदा रहे तुम्हारा सहारा।
मंत्र 1: पार्वती कृपा मंत्र
"ॐ ह्रीं पार्वत्यै नमः"
भावार्थ: इस मंत्र के जाप से माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है, विवाहित जीवन में सुख और सौभाग्य बना रहता है।
मंत्र 2: शिव शांति मंत्र
"ॐ नमः शिवाय शान्ताय नैर्मल्याय नमो नमः"
भावार्थ: यह मंत्र शिव की शांति और पवित्रता को नमन करता है। हरियाली तीज पर इसका जाप मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है।