धर्म और अध्यात्म

माघ पूर्णिमा पर करें ये काम, पितरों तक पहुंचेगा अर्घ्य, सूर्य और चंद्र दोष हो जाएंगे दूर

magh purnima ka upay: माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है, मान्यता है कि इस दिन गंगा जल में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान खास है। मान्यता है माघ पूर्णिमा का उपाय सूर्य और चंद्र दोष को भी दूर करता है। आइये जानते हैं माघ पूर्णिमा के उपाय क्या हैं और इस दिन क्या करना चाहिए ..

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Feb 10, 2025
magh purnima ka upay: माघ पूर्णिमा का उपाय

Magh Purnima Par Kya Kare: माघ महीने में स्नान दान का विशेष महत्व है, इस समय प्रयागराज में कल्पवास में भी किया जाता है। इसमें भी माघ पूर्णिमा स्नान विशेष होता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य और दान पुण्य से बेहद शुभ फल मिलते हैं। इसके अलावा सिर्फ माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान से प्रयागराज में एक महीने कल्पवास का पुण्यफल मिल जाता है।


ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार पूर्णिमा पर 27 नक्षत्रों में से एक मघा नक्षत्र के नाम से ही महीने का नाम माघ पड़ा है। इस तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक नजरिये से भी बहुत महत्व है। पूरे महीने अगर तीर्थ स्नान न कर सकें तो माघ पूर्णिमा पर गंगा या पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। इससे पूरे माघ महीने में तीर्थ स्नान करने का पुण्य फल मिल जाता है।


साथ ही भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की कृपा भी बनी रहती है। लेकिन इस समय कुछ आसान उपाय से आप पूरे महीने के पुण्यफल को अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा माघ पूर्णिमा के आसान उपाय से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, साथ ही सूर्य और चंद्र दोष दूर हो जाते हैं। ज्योतिषी नीतिका शर्मा से आइये जानते हैं माघ पूर्णिमा के उपाय …

गंगा स्नान कर सूर्य को दें अर्घ्य

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि पूर्णिमा पर्व माघ महीने का आखिरी दिन होता है। इस माघ महीने में की गई सूर्य पूजा से रोग और दोष दूर हो जाते हैं। इसलिए इस महीने सुबह जल्दी उठकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाया जाता है। विशेष रूप से माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि सूर्य उत्तरायण के चलते माघ में उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने से उम्र बढ़ती है और बीमारियां खत्म होती हैं।

चंद्रमा को दें अर्घ्य

ग्रंथों में बताया गया है कि पूर्णिमा पर चंद्रमा को दिया गया अर्घ्य पितरों तक पहुंचता है। जिससे पितृ संतुष्ट होते हैं। माघ महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा अपने मित्र सूर्य की राशि में रहेगा। इसलिए इसका प्रभाव बढ़ जाएगा।

औषधियों को चंद्रमा की रोशनी में रखें फिर सेवन करें

नीरोगी रहने के लिए इस दिन औषधियों को चंद्रमा की रोशनी में रखकर अगले दिन खाना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों में राहत मिलने लगती है।

माघ पूर्णिमा पर दान करें

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार माघी पूर्णिमा पर स्नान और दान का खास महत्व है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन जो भी श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। उसके बाद जप और दान करते हैं उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिलती है।

प्रयागराज संगम पर स्नान

ग्रंथों में माघ को भगवान भास्कर और श्रीहरि विष्णु का महीना बताया गया है। रविवार को श्रद्धालु सूर्योदय के साथ ही तीर्थ स्थानों पर नदियों में स्नान करेंगे।

पद्म पुराण के मुताबिक माघ मास के दौरान व्रत, दान और तपस्या न भी कर पाएं तो इस महीने के आखिरी दिन यानी पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी या प्रयागराज में तीन नदियों के संगम में नहाने से अक्षय पुण्य मिलता है। मत्स्य पुराण में कहा गया है कि इस दिन ब्रह्मवैवर्त पुराण का दान करने से ब्रह्म लोक मिलता है। इस तरह ये पुण्य देने वाला पर्व है।

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तिल के जल से स्नान करें

नीतिका शर्मा के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज संगम या पवित्र नदियों में स्नान न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे और चुटकी भर तिल डालकर नहाएं। इससे तीर्थ स्नान करने जितना पुण्य मिल जाता है।

माघी पूर्णिमा पर जरूर करें ये शुभ काम

1.ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर पूरे परिवार के साथ विष्णु पूजा करने से कुंडली के दोषों का असर कम होता है। विष्णु जी की कृपा से कार्यों में आ रही बाधाएं खत्म होती हैं, सफलता मिलती है और घर-परिवार में प्रेम बना रहता है।

2. पूर्णिमा पर पवित्र ग्रंथों का पाठ करना चाहिए। जैसे श्रीरामचरित मानस, श्रीमद् भागवत कथा, विष्णु पुराण, शिव पुराण आदि। ग्रंथों के पाठ के साथ ही अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।

3. विष्णु पूजा में तिल से बनी मिठाई का भोग जरूर लगाएं। जरूरतमंद लोगों को तिल का दान भी करें।

4. इस दिन हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। आप चाहें तो ऊँ श्रीरामदूताय नम: मंत्र का जप भी कर सकते हैं। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

5. पूर्णिमा पर शिव का जलाभिषेक करें, तांबे के लोटे में जल भरें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए पतली धार से शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिवजी की पूजा करें।

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