Neem Karauli Baba Thought: कैंची धाम वाले नीम करौली बाबा के देश विदेश में लाखों अनुयायी हैं, जो मन की शांति के लिए बाबा के आश्रमों में खिंचे चले आते हैं। बाबा और उनके विचारों के स्मरण मात्र से दिव्यता का अहसास करते हैं। आइये जानते हैं नीम करोली बाबा के अलौकिक विचार कौन से हैं ..
Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा दिव्य संत थे, जिनका प्रमुख आश्रम उत्तराखंड के कैंची धाम में है। उनका जीवन भक्ति, सेवा और प्रेम का अनुपम उदाहरण था। उनका जीवन करुणा, सादगी और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत था।
उनका बजरंगबली से ऐसा जुड़ाव था कि बहुत से भक्त उनमें हनुमानजी को ही देखते थे। बाबा ने भक्ति के शास्त्रीय या कठिन मार्ग की जगह बेहद आसान व्यवहारिक व्यक्तिगत मार्ग की ओर भक्तों को प्रेरित किया, जो सहज ही लोगों को समझ में आ जाता है. इसी कारण मन की शांति की तलाश में लाखों भक्त बाबा नीम करौली के आश्रमों में आते हैं। उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को रास्ता दिखाती हैं और जीवन में शांति लाती हैं। आइये जानते हैं बाबा की प्रमुख शिक्षाएं, जिनका हर व्यक्ति को अनुसरण करने की कोशिश करनी चाहिए।
सब एक हैं: बाबा नीम करौली के अनुसार ईश्वर की नजर में सभी व्यक्ति समान हैं, सभी में परमात्मा का अंश है। इसलिए सब एक हैं और किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए। भूलकर भी यह मेरा है वह पराया है, यह छोटा है और वह बड़ा है का विचार मन में नहीं लाना चाहिए। सबको समान समझते हुए ही व्यवहार करना चाहिए।
सबसे प्यार करना: ईश्वर से जुड़ने का माध्यम निःस्वार्थ प्रेम ही है, इसलिए सभी मनुष्य और सभी जीव से प्यार करना चाहिए।
सबकी सेवा करना: मनुष्य की जितनी सामर्थ्य हो, दूसरों की सेवा करना चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। हालांकि यह सेवा बिना किसी स्वार्थ के करनी चाहिए और इसका अहंकार मन में नहीं आने देना चाहिए।
सच बोलना: किसी भी परिस्थिति में सच्चाई का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
भगवान का ध्यानः व्यक्ति को मन वचन कर्म में ईश्वर का ध्यान रखना चाहिए और कभी भी भूलना नहीं चाहिए।
क्रोध नहीं करना चाहिए: क्रोध मन की शांति को नष्ट कर देता है, इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए। कम से कम बोलना चाहिए, क्योंकि मौन रहने पर आत्मा की आवाज सुनाई देती है।
बजरंगबली की उपासना करना और राम राम मंत्र जपनाः भगवान बजरंग बली के राम नाम मंत्र को जपना चाहिए और उनका ध्यान रखना चाहिए।
दूसरों की निंदा से बचोः महाराजजी ने हमेशा भक्तों को सिखाया कि हर व्यक्ति को धरती पर अपने हिसाब से जीना है और अपनी यात्रा पूरी करनी है। इसलिए किसी की निंदा न करो और ईर्ष्या आदि दुर्गुणों से जितना संभव हो, बचे।
संतोष सबसे बड़ा धनः बाबा नीम करोली के अनुसार संतोष से बड़ा कोई धन नहीं है, जिसने संतोष करना सीख लिया उसके जीवन में सुकून आ जाएगा, उसे कोईचिंता नहीं सताएगी और न ही कोई टेंशन रहेगी। क्योंकि संसार की अधिकतर समस्याओं की जड़ में और अधिक पाने की लालसा ही है।
ईश्वर पर भरोसाः बाबा नीम करौली के अनुसार ईश्वर पर भरोसा कभी नहीं खोना चाहिए, क्योंकि इस संसार में हर चीज ईश्वर की मर्जी से ही होता है और ईश्वर कभी गलत काम नहीं कर सकते।