Pandit Pradeep Mishra Ji Ke Upay: सुख, शांति और उन्नति कौन नहीं चाहता पर कुछ गलतियां आपको इससे दूर कर सकती हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के जीवन सूत्र अपना कर व्यक्ति इनसे बच सकता है और इसे हासिल कर सकता है। आइये जानते हैं वो जीवन सूत्र
Pandit Pradeep Mishra Ji Ke Pravachan: सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथाओं में हजारों लोग आते हैं जहां पंडित जी आध्यात्मिक चर्चा तो करते हैं, आज के जीवन के उपाय भी सुझाते हैं। इन उपायों को अपनाकर मनुष्य अपनो गोल हासिल कर सकता है। यदि आप सुख शांति और उन्नति चाहते हैं तो पंडित प्रदीप मिश्रा की मानें और ये 5 भूल भूल से भी न करें ..आइये जानते हैं वो 5 भूल कौन से हैं ..
शिव कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि व्यक्ति की उम्र और कमर जब 40 या 40 के पार हो जाए यानी प्रौढ़ा अवस्था और मोटापा आने के बाद भोजन में संयम शुरू कर देना चाहिए। यही सुखी और स्वस्थ रहने की कुंजी है।
मोटापा और बढ़ने से रोकने व किसी परेशानी से बचने के लिए व्यक्ति को कम भोजन करना चाहिए। साथ ही 40 की उम्र के बाद व्यक्ति के मेटाबोलिज्म में बदलाव आता है, अब युवा अवस्था जैसी स्थिति नहीं रहती। साथ ही व्यक्ति जीवन के नए पड़ाव की ओर बढ़ता है, जिसमें मानसिक शांति की जरूरत होती है।
इसलिए इस समय आध्यात्मिक चर्चा और भजन बढ़ा देना चाहिए। इससे व्यक्ति स्वस्थ, सुखी, संतुष्ट, उन्नति करने वाला बनता है। इसलिए व्यक्ति की उम्र और कमर का 40 पार होना, बदलाव को अपनाने की रेड लाइन है और किसी भी परेशानी से बचने के लिए भोजन कम कर देना चाहिए और भजन बढ़ा देना चाहिए।
पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार धन, वैभव, संपदा और सत्ता आने पर भी दो चीजें नहीं भूलनी चाहिए। पहली पिता की मेहनत और दूसरी घर पर पुराने समय में आई हुई मुसीबत, तभी आप उन्नति की सीढ़ी चढ़ते रहोगे वर्ना गिरावट शुरू हो जाएगी।
पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार शंकर जी के मंदिर में कभी वरदान नहीं मांगना चाहिए। शिव महापुराण के अनुसार वर मांगने से एक न एक दिन उसका फल खत्म हो सकता है। बल्कि शिव मंदिर में शिवजी को एक लोटा जल चढ़ाने के बाद कहना चाहिए कि बाबा मुझे आशीर्वाद दे दो, वर का फल समाप्त हो जाएगा, लेकिन आशीर्वाद हमेशा साथ बना रहेगा।
पंडित मिश्रा के अनुसार संपत्ति सुख नहीं देती, यह केवल सुविधाएं देती है। शांति तो प्रभु के चरणों में ही मिलेगा। इसलिए शांति चाहते हैं तो संपत्ति में मत खोजिए, संपत्ति सिर्फ जीवन यापन तक के लिए जरूरी होना चाहिए।