धर्म और अध्यात्म

Phulera Dooj 2025 Date: फुलेरा दूज पर शादी से मिलता है कृष्णजी का आशीर्वाद, जानें डेट और अबूझ मुहूर्त का अन्य महत्व

Phulera Dooj 2025: फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज के रूप में मनाई जाती है। यह एक अबूझ मुहूर्त है और शादी विवाह समेत सभी मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। ज्योतिषी नीतिका शर्मा से आइये जानते हैं कब है फुलेरा दूज 2025 और इसका महत्व क्या है (Phulera Dooj 2025 Belief) ।

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Feb 23, 2025
Phulera Dooj 2025 Date : फुलेरा दूज 2025 का महत्व

Phulera Dooj Ka Mahatv: अजमेर की ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली थी। इसीलिए इस तिथि को फुलेरा दूज कहा जाता है। कृष्ण और राधा के मिलन की इस तिथि को अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस तिथि को विवाह करने वाले युगलों के बीच अपार स्नेह और दांपत्य का मजबूत रिश्ता बनता है।

Phulera Dooj 2025 Belief : अजमेर की ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार इस साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि होली के आगमन का प्रतीक होती है। यह त्योहार बसंत पंचमी और होली के बीच पड़ता है। इस दिन कृष्णजी की विशेष झांकी सजाई जाती है।

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इस दिन से होली के पर्व की तैयारियां आरंभ हो जाती हैं। इस दिन से उत्तर भारत के गांवों में जिस स्थान पर होली रखी जाती हैं, वहां पर प्रतीकात्मक रूप में उपले या फिर लकड़ी रख दी जाती हैं। कई जगहों पर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दिन से लोग होली में चढ़ाने के लिए गोबर की गुलरियां भी बनाई जाती हैं। आइये जानते हैं कब है फुलेरा दूज और इसका विशेष महत्व ..

कब है फुलेरा दूज (Kab Hai Phulera Dooj)

वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 01 मार्च को रात 03:16 बजे से शुरू हो रही है और तिथि का समापन 02 मार्च को रात 12:09 बजे हो रहा है। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। इस प्रकार फुलेरा दूज का पर्व 01 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।


ज्योतिष शास्त्र में फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन विवाह के लिए किसी ज्योतिषीय गणना की आवश्यकता नहीं होती। यही कारण है कि इस दिन कई शादियां होती हैं। हालांकि कई ज्योतिषी इससे सहमत नहीं हैं।

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ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार फुलेरा दूज को हिंदू शास्त्रों में बड़ा ही महत्वपूर्ण योग बताया गया है। इसीलिए इस विशेष दिन सर्वाधिक विवाह समारोह भी संपन्न होते हैं।

हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि विवाह बंधन के लिए वर्ष का सर्वोत्तम दिन है। कहते हैं कि इस दिन विवाह करने से दंपति को भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हासिल होता है।

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बड़ी संख्या में शादी

ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार सर्दी के मौसम के बाद इसे शादियों के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। इसके अलावा यह अबूझ मुहूर्त है, समय के हानिकारक प्रभाव और दोष से मुक्त है।

इसीलिए विवाह और अन्य संस्कारों के साथ यह दिन संपत्ति की खरीद इत्यादि दूसरे शुभ कार्यों के लिए भी बेहद खास होता है। मान्यता है कि इस दिन अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए समृद्धि मिलती है।

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