RCB Victory: अवधी में एक कहावत है कुछ करनी, कुछ करम गति (भाग्य), कुछ पूर्वुज की देन.. कई बार आईपीएल ट्रॉफी की दहलीज पर पहुंचकर फिसलने के बाद, 18 वें साल में जीत पर कहावत दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली के लिए सही साबित हो रही है। साथ ही टूर्नामेंट से पहले प्रेमानंदजी महाराज से जो मंत्र मिला आज वायरल हो रहा है।
Virat Kohli Anushka Sharma meet Premanand ji Maharaj: किंग कोहली नाम से मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान की झोली में खिताबों और रिकॉर्डों की भरमार है। दुनिया भर के क्रिकेट विश्लेषक और दिग्गज क्रिकेटर उन्हें आज के समय में महान बल्लेबाज के रूप में देखते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सब इतना सीधा है, भले ही विराट ने अंडर-19 वर्ड कप 2008, वनडे वर्ल्ड 2011, चैंपियंस ट्राफी 2013,2025, टी-20 वर्ल्ड कप 2024 जीता हो, भले ही उनकी झोली में रिकॉर्ड की भरमार हो, बीच बीच में इस दिग्गज बल्लेबाज की फॉर्म सवालों के घेरे में रही है।
हालांकि इस बीच पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपने परिश्रम, प्रतिभा और डिडेकेशन के बल पर फिर से वापसी करने में सफलता पाई है। इस दौरान उनकी आध्यात्मिक चेतना भी सुर्खियों में रही है। अब जब विराट कोहली ने आईपीएल के 18 वें संस्करण में RCB को चैंपियन बनाने में सफलता पाई है तो इससे पहले प्रेमानंद जी महाराज से उनकी मुलाकात का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महाराज जी ने उन्हें खास मंत्र दिए थे।
12 मई 2025 कोटेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा वृंदावन में केलिकुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। इससे पहले 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को भी मुलाकात की थी।
मुलाकात में प्रेमानंद महाराज ने अनुष्का को राधानाम जपने का उपदेश दिया। दोनों से कहा कि खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। अनुष्का ने पूछा बाबा नाम जप से सबकुछ हो जाएगा? महाराज ने कहा सब पूरा हो जाएगा।
वहीं विराट को समझाया कि आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए , जिनका जीवन बदला है, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े। इसलिए जब प्रतिकूलता आए तो आनंदित हो कि हमारे ऊपर भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल रही है।
सांसारिक बने रहो पर अंदर के चिंतन को बदलो, यश की चिंता मत करो, ये पूर्व जन्म या इस जन्म के पुण्य का फल होता है, भगवान की कृपा नहीं। कम संख्या में नाम जप भी चलेगा, लेकिन आस्था और विश्वास से हो। उपांश दस हजार नाम जप के बराबर है एक बार मानसिक नाम जप।