Sawan 2025 Shiv Mantra: सावन 2025 का यह पावन महीना भगवान शिव की आराधना और मंत्र जाप के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान श्रद्धा और भक्ति से किए गए शिव मंत्रों के जाप से न केवल मन को गहरी शांति मिलती है, बल्कि जीवन की कठिन राहें भी आसान होने लगती हैं। भोलेनाथ की कृपा से हर संकट का समाधान स्वतः मिलने लगता है, और सकारात्मक ऊर्जा से जीवन में नया उत्साह आता है।
Sawan 2025 Shiv Mantra:सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का सबसे पवित्र और शक्तिशाली समय माना जाता है। इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और शिव मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में श्रद्धा और नियमपूर्वक शिव जी की पूजा करने से सभी दुख, रोग और संकट दूर होते हैं, और जीवन में सुख-शांति आती है। अगर आप भी इस सावन में शिव भक्ति का लाभ पाना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए मंत्रों का जाप रोजाना करें। यह मंत्र सरल हैं और कोई भी इन्हें श्रद्धा के साथ जप सकता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह मंत्र रोग, भय और मृत्यु के संकट से रक्षा करता है। इसे सुबह स्नान के बाद शांत वातावरण में बैठकर रुद्राक्ष माला से 108 बार जपें। साथ ही शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाकर अभिषेक करें।
ॐ नमः शिवाय॥
यह सबसे सरल और प्रभावशाली शिव मंत्र है। इसे आप किसी भी समय, चलते-फिरते, ध्यान करते समय या पूजा में जप सकते हैं। रोज़ाना कम से कम 108 बार जप करने से मन को शांति मिलती है और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे
महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र से ज्ञान, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। इसका उच्चारण सूर्य उदय के समय करना शुभ माना जाता है। दीपक जलाकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए इसका जप करें।
ॐ नमो भगवते रुद्राय
सर्वभूतविनाशाय
कलेकालाय
कृध्विषाय
कृत्तिवासाय
महादेवाय नमः॥
यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में स्थिरता लाता है। इसे शांत वातावरण में आंखें बंद कर शिव का ध्यान करते हुए 108 बार जपें।
जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु न: शिव: शिवम्॥
यह स्तोत्र थोड़ा लंबा है, इसलिए आप इसे धीरे-धीरे श्लोक दर श्लोक याद करके पढ़ सकते हैं। इसका नियमित पाठ करने से जीवन में शक्ति, साहस और भक्ति का संचार होता है।
मंत्र जाप से पहले शरीर और स्थान की स्वच्छता बनाए रखें। शांत चित्त से और पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी का ध्यान करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। व्रत के दिनों में सात्विक भोजन लें और संयम का पालन करें। नियमित रूप से मंत्र जाप करने से आत्मिक शांति मिलती है और भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।