Shardiya Navratra Day 1,Maa Shailputri Mantra: शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना से होता है। शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां शैलपुत्री शक्ति, संयम, और शुद्धता की प्रतीक हैं।
Maa Shailputri Ji Ki Aarti & Mantra: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बेहद पवित्र माना जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना से होता है। शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
मां शैलपुत्री शक्ति, संयम, और शुद्धता की प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन अगर विधिपूर्वक मां शैलपुत्री की पूजा की जाए, तो साधक को धन, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।इस पावन अवसर पर जानिए मां शैलपुत्री की पूजा विधि, चमत्कारी मंत्र, और आरती, जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागरण ला सकते हैं।
शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।
पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।
घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो
2. देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा के दौरान उन्हें शुद्ध और सात्विक भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां को गाय के शुद्ध घी से बनी खीर अत्यंत प्रिय है। इसके अतिरिक्त, आप उन्हें सफेद रंग की मिठाइयां जैसे रसगुल्ला, मलाई बर्फी या मिश्री भी अर्पित कर सकते हैं।पूजा पूर्ण होने के पश्चात यह भोग माता को समर्पित करें और फिर उसे प्रसाद के रूप में परिजनों व भक्तों में वितरित करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और माता की कृपा बनी रहती है।