Shardiya Navratri 2025: माता रानी हर वर्ष अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं। इस बार नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है, जो वर्ष की सामाजिक और प्राकृतिक परिस्थितियों की झलक देता है।
Shardiya Navratri 2025 Durga Vahan: शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना इतना पवित्र माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति शुभ कार्य करना चाहता है, तो उसके लिए यह समय अत्यंत उत्तम माना जाता है। शारदीय नवरात्रि पर माता रानी की उपासना करना भी बेहद शुभ होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर से हो रहा है। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि 9 नहीं, बल्कि कुल 10 दिनों की होगी।
ऐसी मान्यता है कि माता रानी हर वर्ष अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं। इस बार नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है, जो वर्ष की सामाजिक और प्राकृतिक परिस्थितियों की झलक देता है। माना जा रहा है कि देश में अच्छी वर्षा होगी, कृषि क्षेत्र में उन्नति होगी और समृद्धि के योग बनेंगे। आइए जानते हैं कि हाथी वाहन का क्या धार्मिक महत्व है और यह नवरात्रि को क्यों बना रहा है और भी खास।
देवी भागवत पुराण सहित कई अन्य ग्रंथों में हाथी को शक्ति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं, तो इसे अत्यंत शुभ और मंगलकारी संकेत माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि देवी का हाथी पर आगमन कृषि, व्यापार और पारिवारिक जीवन में सकारात्मकता लाता है। यह संकेत करता है कि खेतों में अच्छी फसल होगी और भरपूर वर्षा होगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। व्यापार और कारोबार में तेजी आएगी, आर्थिक दृष्टि से समय लाभकारी रहेगा और लोगों के जीवन में स्थायित्व तथा उन्नति आएगी। साथ ही, परिवारों में सुख-शांति और आपसी प्रेम का वातावरण बनेगा। विशेष रूप से किसानों के लिए यह वर्ष अत्यंत फलदायी माना जा रहा है, क्योंकि हाथी पर आगमन कृषि कार्यों और प्राकृतिक संतुलन के लिए शुभ संकेत माना गया है।
हिंदू परंपराओं में हाथी को शुभ जीव माना गया है। भगवान इंद्र का वाहन ऐरावत भी हाथी ही है और गणपति का स्वरूप भी हाथीमुख है, जो बुद्धि और समृद्धि का द्योतक है। यही कारण है कि जब मां दुर्गा हाथी की सवारी करती हैं, तो यह सकारात्मक ऊर्जा और मंगलकारी फल का प्रतीक बन जाता है।
इस बार माता रानी का प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा और यह गुरुवार, 2 अक्टूबर को होगा। मान्यता है कि इस प्रकार का प्रस्थान भी बेहद शुभ होता है। यह संकेत देता है कि समाज में शांति का वातावरण रहेगा, व्यापार में प्रगति होगी और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार होगा।