धर्म और अध्यात्म

Ram Stuti Lyrics: राम स्तुति के पाठ से मिलता है मनचाहा जीवनसाथी, हमेशा के लिए खत्म होता है डर

Ram Stuti Benifits and Lyrics in Hindi: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री राम स्तुति के पाठ से विवाह में आ रही बाधाए दूर होती हैं और मनचाहा लाइफ पार्टनर मिलता है। इसके हिंदी अर्थ और लाभ इस लेख को पढमकर समझिए।

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Dec 15, 2025
Ram Stuti Lyrics and Benifits: राम स्तुति के नियमित पाठ से मिलता है मनचाहा लाइफ पार्टनर (Image Credit: Gemini AI)

Ram Stuti In Hindi: धार्मिक विद्वानों के अनुसार, राम स्तुति के रोजाना पाठ से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। इस लेख में हम आपको राम स्तुति के हिंदी अर्थ के साथ ही उसके जीवन बदल देने वाले फायदे बता रहे हैं।

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राम स्तुति के फायदे

  1. हर प्रकार के अनजाने डर को समाप्त कर देती है।
  2. मानसिक तनाव दूर होता है और मन को गहरी शांति मिलती है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता आती है।
  4. भगवान राम के गुणों का स्मरण करने से आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ता है।

मिलेगा मनचाहा पार्टनर

माना जाता है कि, पूरी श्रद्धा और विश्वास से राम स्तुति के "गौरी के आशीर्वाद वाले अंश" के पाठ से मनचाहे वर और वधु की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाह से जुड़ी सारी बाधाएं और रुकावटें दूर होती हैं।

॥दोहा॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥

जानी गौरी अनुकूल
सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल,
वाम अङ्ग फरकन लगे।

हिंदी अर्थ

इस स्तुति में गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि, हे मन, तुम कृपालु श्री राम के भजन में लगो। प्रभु राम दुनिया के जन्म-मरण के डर को दूर कर देते हैं। उनके नेत्र, मुख, हाथ और चरण लाल कमल के समान सुंदर हैं। उनका स्वरूप नए नीले बादलों जैसा सुंदर है और उन्होंने पीले वस्त्र पहने हैं। वे गरीबों और जरूरतमंदों के मित्र और राक्षसों का नाश करने वाले हैं। तुलसीदास जी प्रार्थना करते हैं कि काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि दोषों को खत्म करने वाले प्रभु श्रीराम, कृपा कर मेरे हृदय में वास कीजिए। फिर अंतिम पंक्तियों में...माता गौरी सीता जी को आशीर्वाद देती हैं कि, उन्हें उनका मनचाहा सुंदर वर (श्री राम) ही मिलेगा। यह सुनकर सीता जी अत्यंत प्रसन्न हुईं और उनका बायां अंग फड़कने लगा, जो कि शुभ संकेत होता है।


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Published on:
15 Dec 2025 09:31 pm
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