रात्रि में सवा क्विंटल सूजी के हलवा का भोग लगाकर भक्तों में प्रसादी के रूप में बांटा गया। इसके पहले दोपहर में भंडारा हुआ। भंडारे में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंचे। दोपहर से रात 9 बजे तक भंडारा जारी रहा।
मंशापूरन बालाजी मंदिर धर्मश्री में बालाजी महाराज का 25 वां प्राकट्य उत्सव मनाया गया। बालाजी महाराज की 1008 दीपों से महाआरती की गई। रात्रि में सवा क्विंटल सूजी के हलवा का भोग लगाकर भक्तों में प्रसादी के रूप में बांटा गया। इसके पहले दोपहर में भंडारा हुआ। भंडारे में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंचे। दोपहर से रात 9 बजे तक भंडारा जारी रहा।
शनिवार को सुबह 8 बजे से विशेष संकटहारी हवन हुआ। सुबह 9 बजे से नवनिर्मित मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं का पूजन और आरती हुई। सुबह 11 बजे से बालाजी महाराज का विशेष पूजन और मंगल आरती की हुई। दोपहर 1 बजे अखंड रामायण पाठ का समापन, आरती और हवन हुआ। दोपहर में 2.30 बजे कामाख्या मां, काली मां और पंचमुखी महादेव की आरती हुई। दोपहर 3 बजे शनिदेव महाराज की पूजन, आरती और भोग लगा। रात 8 बजे से सुंदरकांड का संगीतमय पाठ और भजनों की प्रस्तुति हुई। रात 9 बजे नवनिर्मित मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं की आरती हुई। इ
चरण सेवक प्रकाश चंद साहू ने बताया कि लोगों की समस्याओं के निदान के लिए बालाजी सरकार के यहां पूर्णिमा और अमावस्या पर अर्जियां लगाई जाती हैं। अर्जी लगाने पर बालाजी सरकार की कृपा से समस्या का निराकरण हो जाता है। अर्जी लगाने के लिए समस्याग्रस्त व्यक्ति को अमावस्या या पूर्णिमा को मंदिर पर उपवास रख, फलाहार कर दोपहर 12 बजे आना पड़ता है। साथ ही बालाजी सरकार के यहां प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दरख्वास्त लगाई जाती है।