कथा व्यास ऋषि महाराज ने कहा कि भगवान गणेश की भक्ति से समस्त चिंताओं का नाश होता है। जब भगवान गणेश कृपा करते हैं, तब संसार भी सहयोगी बन जाता है। गणेश पुराण के दो खंड- क्रीड़ा खंड एवं उपासना खंड हैं, जिनमें उपासना खंड का विशेष महत्व बताया गया है।
मॉडल स्कूल ग्राउंड में आयोजित गणेश महापुराण कथा के दूसरे दिन कथा व्यास ऋषि महाराज ने कहा कि भगवान गणेश की भक्ति से समस्त चिंताओं का नाश होता है। जब भगवान गणेश कृपा करते हैं, तब संसार भी सहयोगी बन जाता है। गणेश पुराण के दो खंड- क्रीड़ा खंड एवं उपासना खंड हैं, जिनमें उपासना खंड का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान गणेश के 12 स्वरूपों की उपासना से ऋ द्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। मनुष्य के कर्म ही उसका भाग्य निर्धारित करते हैं, इसलिए अच्छे कर्मों के द्वारा जीवन यापन करना चाहिए।
कथा में सिंदूर की उत्पत्ति और महत्व का भी वर्णन किया गया। प्रत्येक बुधवार को गणेश भगवान को नीचे से ऊपर की ओर सिंदूर अर्पित कर पूजन करने से उन्नति और यश की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार घर की नकारात्मकता दूर करने के लिए गणेश अथर्वशीर्ष, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्रीसूक्त, न्याय संबंधी बाधाओं के निवारण हेतु सुंदरकांड तथा रोग शांति के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व बताया गया। कथा के यजमान कंचन सोमेश जडि़या रहे। प्रसादी की व्यवस्था कार्तिक गोपाल जुडेले एवं माधव कटारे मित्र मंडली ने की। कथा में बद्री प्रसाद शुक्ला, प्रताप सिंह, गोपाल तिवारी, ललित गुप्ता, भागवत गुप्ता व माधव कटारे सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।