चौदह लाख का विदेशी सामान बताकर मांगी थी जीएसटी, महिला की समझदारी से नहीं हो सकी ठगी
बीना. वीरसावरकर वार्ड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए एक ठग ने जीएसटी अधिकारी बनकर ठगी करने के लिए फोन लगाया, लेकिन महिला अपनी सूझबूझ और सतर्कता से ठगी का शिकार होने से बच गई। महिला ने पुलिस थाने पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई।
जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गायत्री पति मनोहरलाल सेन (41) निवासी वीरसावरकर के लिए गुरुवार को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने कहा कि आपने 14 लाख रुपए का विदेश से सामान बुलाया है, इसलिए इसकी जीएसटी के 15 हजार रुपए जमा करो और मुंबई एयरपोर्ट से अपना सामान ले लो। रुपए जमा न करने पर ठगों ने महिला को गिरफ्तार करने की धमकी भी दी थी, जिससे महिला दो दिन तक परेशान रही और शुक्रवार की शाम पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। महिला ने बताया कि ठग से उसने कहा कि उसके पास जमा करने के लिए रुपए नहीं है और न ही सामान बुलाया है, इसलिए सामान आप ही रख लो और नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद उन्होंने दूसरे नंबरों से फोन लगाना शुरू कर दिया, जिन नंबरों से फोन लगाए जा रहे थे उनके वाट्सएप पर पुलिस अधिकारी की डीपी भी डली थी, जिसे देखकर महिला घबरा गई। इतना ही नहीं उन्होंने महिला के लिए एक फोटो भी भेजी, जिसमें बताया गया कि उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन महिला ने उसे रुपए न भेजकर सीधे पुलिस थाने जाना सही समझा और शिकायत की। महिला ने बताया कि ऐसे मामले से डर जरूर लगता है, लेकिन डरने की बजाए सीधे पुलिस में शिकायत करें, जिससे ठगी से बचा जा सके।
नहीं किया जाता डिजिटल अरेस्ट
पुलिस के नियमों में डिजिलट अरेस्ट जैसा कोई नियम नहीं है। यह केवल ठगों ने लोगों को शिकार बनाने के लिए नया तरीका ढूंढ़ लिया है, लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है। यदि किसी के साथ ऐसा होता है, तो वह सीधे पुलिस थाने आकर शिकायत करें। महिला ने जो हिम्मत दिखाई है उससे वह ठगी का शिकार होने से बच गई।
अनूप यादव, थाना प्रभारी, बीना