नेता बोले टाइगर रिजर्व में बड़े स्तर पर चल रहीं गड़बडिय़ां, उजागर न हो इसलिए जनप्रतिनिधियों को बुलाने से परहेज किया सागर. प्रदेश के सबसे बड़े वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व का शुक्रवार को पहला स्थापना दिवस था। उम्मीद थी कि टाइगर रिजर्व का जैसा बड़ा नाम है तो वैसा ही बड़ा आयोजन भी पहले स्थापना […]
नेता बोले टाइगर रिजर्व में बड़े स्तर पर चल रहीं गड़बडिय़ां, उजागर न हो इसलिए जनप्रतिनिधियों को बुलाने से परहेज किया
सागर. प्रदेश के सबसे बड़े वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व का शुक्रवार को पहला स्थापना दिवस था। उम्मीद थी कि टाइगर रिजर्व का जैसा बड़ा नाम है तो वैसा ही बड़ा आयोजन भी पहले स्थापना दिवस पर होगा, लेकिन प्रबंधन ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। स्थापना दिवस के कार्यक्रम के नाम पर कुलमिलाकर खानापूर्ति की गई। प्रबंधन ने रहली, देवरी व दमोह जिले जबेरा विधायक को न तो आमंत्रण कार्ड में जगह दी न ही इनको आमंत्रित किया, जिसको लेकर नेताओं में खासी नाराजगी है। इतना ही आयोजन से विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दूरी बनाई रखी।
दरअसल 20 सितंबर 2023 को नौरादेही अभयारण्य को वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा हुई थी। नौरादेही का कुल क्षेत्रफल 1197 वर्ग किलोमीटर था, जिसमें दमोह जिले के 1142 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को जोड़कर टाइगर रिजर्व बना दिया, अब 2339 वर्ग किलोमीटर के साथ यह प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है।
- जनपद अध्यक्ष तक सीमित रहे जनप्रतिनिधि
शुक्रवार को पहले स्थापना दिवस पर टाइगर रिजर्व स्थित मुहली विश्राम गृह में कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें प्रतिष्ठा अकादमी शाला के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं और वन व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए नुक्कड़ नाटक किए। इस आयोजन में जनप्रतिनिधियों के नाम पर प्रबंधन ने देवरी जनपद अध्यक्ष अनिता पटेरिया व उपाध्यक्ष प्रार्थना खल्ला को विशिष्ठ अतिथि बनाया था।
शिकायत का डर था
मेरे पास आयोजन का आमंत्रण आया था, लेकिन प्रबंधन ने जानबूझकर वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को बुलाने के नाम पर औपचारिकता की है। मैंने सीसीएफ से भी बात की तो उनका कहना था कि जानकारी नहीं है। पता चला है कि टाइगर रिजर्व में बीते कुछ समय में गड़बडिय़ां हुईं हैं, जिसको लेकर लोग शिकायत करने बैठे थे, इसीलिए आयोजन के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई।
गोपाल भार्गव, विधायक, रहली
- बुलाया नहीं तो क्यों जाऊंगा ?
टाइगर रिजर्व में यह पहली बार नहीं है जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आयोजन में आमंत्रित करने में अनदेखी की हो, इसके पहले भी ऐसा हो चुका है। जब मुझे आमंत्रण ही नहीं आया तो क्यों जाता। टाइगर रिजर्व प्रबंधन को आयोजनों के साथ उन विस्थापित परिवारों पर भी ध्यान देना चाहिए जिनको खदेड़कर भगाया है। कई परिवारों को मुआवजा नहीं मिला, जहां वे विस्थापित हुए वहां बिजली, पानी जैसी सुविधाएं तक नहीं हैं।
ब्रजबिहारी पटेरिया, विधायक, देवरी
मेरे पास आयोजन की कोई सूचना नहीं
मेरे पास टाइगर रिजर्व के किसी आयोजन की कोई सूचना नहीं आई है और न ही कोई अधिकारी आया। टाइगर रिजर्व का क्षेत्र मेरी विधानसभा के अंतर्गत आता है, ऐसा क्यों किया गया है, इसकी जानकारी लेता हूं। जरूरत पड़ी तो वन मंत्री तक यह बात पहुंचाऊंगा।
धर्मेंद्र लोधी, विधायक, जबेरा
- मुझे आयोजन की जानकारी नहीं
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में क्या कैसा आयोजन हुआ इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अपने स्तर पर कार्यक्रम किया होगा, इसकी सूचना मुझे नहीं दी गई है।
एके सिंह, मुख्य वन संरक्षक, सागर
उप संचालक का फोन बंद
स्थापना दिवस को लेकर हुए आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को न बुलाने की बात को लेकर हमने टाइगर रिजर्व के उप संचालक डॉ. एए अंसारी से कई बार बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन बंद मिला।