– संभाग में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की वजह से इस वर्ष नहीं बन रहे नकल के प्रकरण सागर. माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। अब नकल रोकने के लिए एआइ सहारा लिया जा रहा है। संभाग में पिछले वर्ष हुई बोर्ड परीक्षा […]
- संभाग में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की वजह से इस वर्ष नहीं बन रहे नकल के प्रकरण
सागर. माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। अब नकल रोकने के लिए एआइ सहारा लिया जा रहा है। संभाग में पिछले वर्ष हुई बोर्ड परीक्षा में 50 से अधिक नकल के प्रकरण बनाए गए थे, इस वर्ष अब तक केवल 3 प्रकरण बनाए गए हैं। दरअसल इस बार परीक्षा में नकल प्रकरण रोकने के लिए एआइ का सहारा लिया गया है। संभाग के दमोह जिले में एआइ लैब से सभी 84 परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जा रही है। पिछले वर्ष दमोह में गणित और हिंदी के पेपर में ही 10 से अधिक नकल के प्रकरण सामने आए थे।
ऐसे की जा रही केंद्रों की निगरानी
दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर ने सभी 84 परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। जिला स्तर पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम शासकीय ईएफए जेपी बी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह में बनाया गया है। इसके किए स्कूल की 40 कंप्यूटर वाली एआइ लैब एवं 10 कंप्यूटर वाली आईसीटी लैब का उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर के अवलोकन के लिए आईसीटी लैब एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम के करीब 50 इंस्ट्रक्टर का नियुक्त किए गए हैं, जो कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों की निगरानी कर रहे हैं।
लगातार निरीक्षण दल कर रहे निगरानी
संभाग के सागर, छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में अति संवेदनशील और संवेदनशील केंद्रों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसके अलावा जिला और संभागीय स्तर के निरीक्षण दल लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। लगातार हो रहे उडऩदस्ता की वजह से सामूहिक नकल के प्रकरण सामने नहीं हैं। पिछले वर्ष सागर के बिलेहरा परीक्षा केंद्र पर मुन्ना भाई नकल करते हुए पकड़े गए थे।
इस वर्ष बने नकल प्रकरण
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बम्होरी, छतरपुर
- सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल गौरझामर
इस बार एआइ की मदद से निगरानी की जा रही है। प्रदेश में दमोह एक मात्र जिला है जहां सभी 84 केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की वजह से इस वर्ष अब तक हुए 6 पेपर में पिछले वर्षों की अपेक्षा कम नकल के प्रकरण बने हैं।
मनीष वर्मा, जेडी