समर्थन मूल्य केन्द्रों पर किसानों से हो रही लूट, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
बीना. समर्थन मूल्य केन्द्रों पर गेहूं की खरीदी समितियों ने शुरू कर दी है, लेकिन यहां किसान लुट रहे हैं। पहले तौल पर ज्यादा गेहूं समितियां ले रही हैं और इसके बाद जमीन पर डले दाने किसानों को देकर हम्माल स्वयं रख रहे हैं, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है।
बिहरना वेयरहाउस में संचालित समर्थन मूल्य केन्द्रों का पत्रिका टीम ने बुधवार को जायजा लिया, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं। गेहूं की तौल पचास किलो बोरी में हो रही है, जिसमें बोरी के वजन के हिसाब से 500 ग्राम उपज ज्यादा ली जाती है, लेकिन केन्द्रों पर 800 ग्राम ज्यादा तौल की जा रही है। तौल से ज्यादा उपज लेने की शुरुआत होती है और फिर जमीन पर लगी ढेरी का गेहूं जब बोरियों में भरा जाता है, तो नीचे का गेहूं हम्माल झाडू लगाकर अपने पास रख लेते हैं, जिसमें किसानों के 25 किलो तक दाने ले लिए जाते हैं। जबकि हम्मालों को तौल कराने के लिए अलग से रुपए मिलते हैं और दाने किसानों को वापस मिलना चाहिए, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सैम्पल के नाम पर ले रहे तीन किलो उपज
तौल के पहले किसान की उपज का सैम्पल लेकर गुणवत्ता की जांच की जाती है। इसके लिए सर्वेयर तीन से चार किलो उपज ले लेते हैं और जांच के बाद यह उपज वापस नहीं की जाती है। लहटवास के किसान देवराज सिंह ने बताया कि सैम्पल के नाम पर करीब तीन किलो उपज ली थी, जो वापस नहीं की। हर किसान से इतनी ही उपज ली जाती है।
रुपए लेने के भी लग रहे आरोप
गेहूं की तौल के एवज में बीस से पच्चीस रुपए किलो लेने के भी आरोप किसान लगा रहे हैं। साथ ही मसूर की तौल कराने पर 100 रुपए क्विंटल लेेने की शिकायतें आ रही हैं। एक किसान ने बताया कि बारधा वेयरहाउस में बनाए गए समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र पर 60 रुपए क्विंटल देकर मसूर की तौल कराई और अब इसे बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया गया है।
करा रहे हैं जांच
सर्वेयर 250 ग्राम दाने ही ले सकते हैं और तौल में 580 ग्राम दाने ही ज्यादा तौल सकते हैं। साथ ही झाडू लगाकर दाने किसान को वापस करने का नियम है। शिकायत मिलने पर वेयरहाउस जाकर निरीक्षण किया है। सभी बिन्दुओं की जांच कराई जाएगी और समिति संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना