सागर

राठौर बंगला पर वन विभाग की कार्रवाई , 2 और मगरमच्छ व आधा दर्जन बंदर पकड़कर नौरादेही अभ्यारण में छोड़े

वन्यजीवों को रखने के दस्तावेज हैं या नहीं, वन अमला मौन सागर. बंडा से भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर वन विभाग की टीम दूसरे दिन भी वन विभाग की टीम पहुंची। मौके पर मौजूद वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 2 मगरमच्छों का रेस्क्यू करने के […]

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Jan 13, 2025

वन्यजीवों को रखने के दस्तावेज हैं या नहीं, वन अमला मौन

सागर. बंडा से भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर वन विभाग की टीम दूसरे दिन भी वन विभाग की टीम पहुंची। मौके पर मौजूद वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 2 मगरमच्छों का रेस्क्यू करने के बाद उन्हें नौरादेही टाइगर रिजर्व की छेवला जलाशय में छोड़ा गया था, 2 मगरमच्छ और थे जिन्हें रात के समय रेस्क्यू करने में समस्या हो रही थी। दूसरे दिन शनिवार की दोपहर वन अमला नौरादेही टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञों के साथ सदर झांसी रोड स्थित पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर पहुंचा। दोपहर करीब 1.40 बजे वाहन और वन विभाग के अधिकारियों के बंगला के अंदर पहुंचे तो बंगला पर तैनात कर्मचारियों ने गेट बंद कर दिया। राठौर बंगला से 2 और मगरमच्छ व आधा दर्जन बंदर पकडकऱ वन अमला ने उसे नौरादेही अभ्यारण छोड़ा है।

विगत दिनों आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को बंगले के अंदर 4 मगरमच्छ और अन्य वन्यप्राणाी मिले थे, अधिकारियों ने इसका वीडियो भी बनाया था। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद अधिकारियों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी थी और मगरमच्छ पालने की अनुमति व दस्तावेज जांचने की प्रक्रिया चल रही थी।

राठौर परिवार समय-समय पर यह दावा करता रहा है कि उनके पास वन्यजीवों के अवशेष व मगरमच्छ को लेकर सभी प्रकार के दस्तावेज हैं, वे इस बात की जानकारी 1980 व 90 के दशक में वन विभाग को दे चुके हैं। हालांकि अभी वन अमला इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। लोगों ने मानें तो राठौर बंगला में 50-60 साल से मगरमच्छ पाले जा रहे हैं। शहर के लोग वन्यजीवों को देखने बच्चों सहित पहुंचते थे। उनके बंगले के कमरों की दीवारों पर भी जानवरों की खाल टंगी देखी जा सकती है।

बताया जाता है कि आयकर विभाग को पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के ठिकानों से 14 किग्रा सोना और 3.80 करोड़ की नकद राशि मिली। 9 किलो 800 ग्राम सोना विभाग ने जब्त किया है। बीड़ी कारोबार के कारण राठौर परिवार की संपत्तियां गांव-गांव में फैल गईं। बताया जाता है कि अभी परिवार के पास 1200 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है। शराब और जायदाद के कारोबार में भी राठौर परिवार की भागीदारी बताई जाती है।

Published on:
13 Jan 2025 09:24 pm
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