मोतीनगर स्थित महाकवि पद्माकर सभागार में शुक्रवार को भगवान परशुराम प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य सनातनी समागम का आयोजन किया।
मोतीनगर स्थित महाकवि पद्माकर सभागार में शुक्रवार को भगवान परशुराम प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य सनातनी समागम का आयोजन किया। कार्यक्रम में राजघाट के गोडीय मठ परंपरा के संत ऋषिकेश गोस्वामी ने कहा कि जब-जब धर्म पर कुठाराघात होता है, तब-तब भगवान का अवतार होता है। भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार आतताइयों के विनाश के लिए ही लिया था। साथ ही भगवान परशुराम ने ये शिक्षा भी दी कि जब शास्त्र से बात नहीं बनती, तो ब्राह्मण को शस्त्र उठा लेना चाहिए। युवा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष भरत तिवारी ने कहा कि सनातनी समागम ये बहुत अच्छा प्रयास है। इससे संस्कृति और सभ्यता अक्षुण्ण बनी रहती है।
भगवान परशुराम के प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में यह आयोजन भी महत्व रखता है। पुरोहित पुजारी विद्वत संघ के अध्यक्ष पं. शिवप्रसाद तिवारी ने कहा कि भगवान किसी वर्ग या समाज विशेष के नहीं होते, ऐसे आयोजनों में सबको सहभागिता करनी चाहिए। शिवसेना के उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने कहा कि आज जो आयोजन है, ये आगे और जरूरी होगा क्योंकि सरकार तो जातिगत गणना करके बांट सकती है, लेकिन सनातन को बचाना है, तो सनातनी आयोजन होते रहना चाहिए। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की अध्यक्ष दीपा तिवारी ने कहा कि आज इस आयोजन में आकर मुझको बहुत अच्छा लगा। यहां कवि साहित्यकार और कलाकारों का समागम देखकर मन प्रफुल्लित है। इस अवसर पर पं. पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे, अंत्योदय समिति की अध्यक्ष प्रतिभा चौबे, पार्षद मेघा दुबे व कवि बीपी उपाध्याय ने भी संबोधित किया। इसके पहले पं. रामचरण शास्त्री ने मां सरस्वती एवं भगवान परशुराम का पूजन अर्चन संपन्न कराया। स्वाति उपाध्याय और शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के विद्यार्थियों ने भगवान परशुराम पर नाटक का मंचन किया। संचालन एमडी त्रिपाठी ने किया। आभार मधुर गोस्वामी माना। कार्यक्रम में अनिल दुबे, डॉ. रामचंद शर्मा, विनय पांडे, रामकृष्ण गर्ग, अशोक दुबे, सुनील मनवानी, सुमित भार्गव व विकास यादव मौजूद रहे।