पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर अंकुर कॉलोनी में चल रहे सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति यज्ञ में मंगलवार को 1024 अर्घ्य समर्पित करने के साथ ही विधान का समापन हुआ।
पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर अंकुर कॉलोनी में चल रहे सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति यज्ञ में मंगलवार को 1024 अर्घ्य समर्पित करने के साथ ही विधान का समापन हुआ। इस अवसर पर ऐलक दयासागर ने मानव मान का पुतला है। मान कषाय ही हमें चार गति और चौरासी लाख योनियों में भ्रमण कराता है और इस असार संसार से मुक्त नहीं होने देता, हमारे अंदर दिव्य शक्ति को जागृत नहीं होने देता, हमें परमात्मा नहीं बनने देता। इन मान कषायों के कारण ही हम दिन रात पाप कर्मों में लिप्त रहते हैं। यदि हमारे जीवन में मृदुता, सरलता आ जाए तो इस संसार में हमारा कोई शत्रु या दुश्मन नहीं होगा, हमारा किसी से बैर नहीं होगा। हम जब भी इष्ट की, जिनेंद्र प्रभु की आराधना, पूजा भक्ति करते हैं तब हमारा चिंतन होना चाहिए कि हे भगवन, जो दिव्य शक्ति आपके अंदर विराजमान है, वो मेरे अंदर भी प्रगट हो। हम निरंतर पूजा भक्ति आराधना करते हुए इष्ट की प्रतिमाओं को घिसते रहते हैं लेकिन अपने अंदर के मान कषाय को नहीं छोड़ते। हमें प्रभु कृपा से जो मिला वह पर्याप्त था लेकिन कषाय के कारण हमें संतुष्टि नहीं हुई। मनोज जैन लालो ने बताया प्रात: श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, हवन के उपरांत प्रात: 9 बजे से श्रीजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो अंकुर कॉलोनी से मकरोनिया चौराहा होकर वापस विधान स्थल पर आएगी। बाल ब्रह्मचारी अंकित भैया धनेटा ने विधान संपन्न कराया।