सागर

बुंदेलखंड में 12 से ज्यादा खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध, उद्योग मात्र तीन

कुछ प्रोजेक्ट वर्षों से पाइपलाइन में, इनको जमीन पर उतारने की जरुरत सागर. बुंदेलखंड की जमीन खनिज संपदा से भरी पड़ी है। यहां पर 10 से 12 खनिज ऐसे हैं, जो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। कई जगहों पर इनका दोहन भी हो रहा है, लेकिन सिर्फ रॉ मटेरियल को ही निकाला जा रहा है। […]

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Sep 29, 2024

कुछ प्रोजेक्ट वर्षों से पाइपलाइन में, इनको जमीन पर उतारने की जरुरत

सागर. बुंदेलखंड की जमीन खनिज संपदा से भरी पड़ी है। यहां पर 10 से 12 खनिज ऐसे हैं, जो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। कई जगहों पर इनका दोहन भी हो रहा है, लेकिन सिर्फ रॉ मटेरियल को ही निकाला जा रहा है। उसको यहां से देश के दूसरे हिस्सों में ले जाकर पॉलिश करके देश व दुनिया में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। उद्योग जगह से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो जिस खनिज संपदा का बुंदेलखंड में दोहन हो रहा है, उससे जुड़े उद्योग की स्थापना यहीं होना चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ मप्र सरकार को भी बड़ा राजस्व हासिल होगा। रॉक फॉस्फेट, आयरन ओर, लाइम स्टोन, ग्रेनाइट, डोलोमाइट, पायरोफ्लाइट, डायस्पोर, सोपस्टोन, क्वार्ट्ज, क्वार्ट्ज़ाइट, रेड ओकर, रेत, एम. सेंड आदि बुंदेलखंड में प्रचुर मात्रा में हैं, लेकिन उद्योग के नाम पर दमोह और पन्ना में लाइम स्टोन की एक-एक फैक्ट्री तो पन्ना में ही नेशनल मिनरल डवलपमेंट कारपोरेशन (एनएमडीसी) है।

संभाग में ये खनिज हैं प्रचुर मात्रा में

सागर- डायमंड, रॉक फॉस्फेट, आयरन ओर, गौण खनिज गिट्टी, फ्लैग स्टोन, ग्रेनाइट, एम. सेंड, मुरम, बोल्डर, डोलोमाइट, पायरोफ्लाइट।

दमोह- चूना पत्थर मुख्य खनिज जबकि गौण खनिज फ्लैग स्टोन, गिट्टी, मुरम, बोल्डर, परिष्कृत पत्थर।पन्ना- लाइमस्टोन, डायमंड मुख्य खनिज जबकि गौण खनिज फ्लैग स्टोन, गिट्टी, ग्रेनाइट बोल्डर, एम. सेंड , मुरम, मिट्टी।

छतरपुर- मुख्य खनिज रॉक फॉस्फेट, आयरन ओर, डायमंड व गौण खनिज ग्रेनाइट, गिट्टी, डोलोमाइट, डायस्पोर, पायरोफ्लाइट, सोपस्टोन, क्वार्ट्ज, क्वार्ट्ज़ाइट, रेड ओकर, रेत।

टीकमगढ- गिट्टी, मुरम, मिट्टी, ग्रेनाइट, एम. सेंड, पायरो फ्लाइट, डायस्पोर, क्वार्ट्ज।उद्योग की स्थिति-

निवाड़ी- आयरन ओर मुख्य खनिज व गिट्टी, मुरम, ग्रेनाइट, पायरोफ्लाइट, डायस्पोर आदि गौण खनिज पाए जाते हैं।

इन पर काम हो तो बने बात

निवाड़ी- निवाड़ी जिले में लोह अयस्क उद्योग की स्थापना जल्द होनी चाहिए। यहां 1000 करोड़ की लागत से उद्योग स्थापित होना है। धौर्रा उरदौरा में 130 हैक्टेयर की खदान चिंहित की गई है।

टीकमगढ़- जिले का मुख्य खनिज पायरोफ्लाइट, डायस्पोर है। वर्तमान में जिले में इसका खनन कर पूरा माल बाहर भेजा जा रहा है। कारी की डायस्पोर की खदान एशिया की सबसे अधिक गुणवत्ता वाली खदान है। इसके साथ ही खेरा, मोहनगढ़, निवाड़ी सहित अन्य जगहों पर भी डायस्पोर का खनन किया जाता है।

पन्ना- डायमंड पार्क के लिए अब तक सिर्फ जमीन ही चिन्हित की गई है। इसका काम तेजी से शुरू होना चाहिए और छतरपुर के हीरा प्रोजेक्ट को पर्यावरण का ध्यान रखते हुए शुरू करना चाहिए।

सागर- सागर बंडा से ब्लैक स्टोन का खनन होने के बाद दूसरे प्रदेशों में भेजा रहा है। ब्लैक स्टोन पूरे बुंदेलखंड में उपलब्ध है, इसलिए इससे जुड़े उद्योग को स्थापित किया जाना चाहिए।

यहीं उद्योग स्थापित होने चाहिए

हम लोग लगातार यह मांग कर रहे हैं कि खनिज संपदा से संबंधित उद्योग बुंदेलखंड में ही लगाए जाएं। उद्योग न लगने से सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव से इस संबंध में चर्चा हुई है और उन्होंने इस बात पर सहमति भी दी है। - देवेंद्र पाल सिंह चावला, उपाध्यक्ष, फेडरेशन मप्र चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

Published on:
29 Sept 2024 07:11 pm
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