लीकेज होने पर कई दिन लग जाते हैं सुधार में, शहरवासी होते हैं पानी को परेशान, अब बनाई जा रही योजना
बीना. कुछ वर्ष पूर्व शहर में 38 करोड़ रुपए से नया फिल्टर प्लांट, टंकियों का निर्माण कर मुख्य पाइप लाइन से लेकर पूरे शहर में नई लाइन डाली गई थी, लेकिन एक हिस्से में नई लाइन कंपनी ने नहीं डाली थी, जो अब परेशान का कारण बन रही है।
नईसब्जी मंडी के पास स्थित रेलवे अंडरब्रिज से एक नंबर स्कूल की टंकी तक मुख्य पाइप लाइन पुरानी है, जिसे कंपनी ने नहीं बदला है। जबकि पुरानी लाइन घरों के नीचे से थी और इसे बदला जाना भी जरूरी है। उस समय अधिकारियों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस लाइन में घरों के नीचे लीकेज होने पर बड़ी मशक्कत के बाद सुधार हुआ था और इसके बाद अब इस लाइन का कुछ हिस्सा बदलकर नई लाइन डाली गई है। यदि पहले नई पाइल लाइन डाल दी जाती, तो लाइन शिफ्टिंग में पांच दिन तक हुई शहरवासियों को जो परेशानी हुई है, वह नहीं होती। इसके बाद भी अभी यहां लीकेज की आशंका बनी है। अभी स्थिति यह है कि यदि मुख्य लाइन में लीकेज होता है, तो रेलवे लाइन के इस तरफ पूरे शहर में पानी की सप्लाई बंद हो जाती है, क्योंकि नगर पालिका के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। रेलवे लाइन के दूसरी तरफ राजीव गांधी वार्ड, भीम वार्ड, गनेश वार्ड, गांधी वार्ड की लाइन अलग होने से सप्लाई बंद नहीं होती है। पुरानी लाइन का कुछ हिस्सा छोडऩे के पीछे का कारण रेलवे की जमीन होना भी बताया जा रहा है।
अब बनाई जा रही है योजना
एक नंबर स्कूल के पास जो पुरानी पाइप लाइन है, इसका कुछ हिस्सा बदला गया है, लेकिन उसमें मोड़ ज्यादा हैं। इसलिए अधिकारी अंडरब्रिज के पास से एक सीधी लाइन स्टेशन रोड तक डालने की योजना बना रहे हैं और वहां दो बॉल्ब लगाए जाएंगे, जिससे एक लाइन में लीकेज होने पर पूरे शहर की सप्लाई बंद न हो सके।
बना रहे हैं योजना
अंडरब्रिज के पास से स्टेशन रोड तक नई लाइन डालने की योजना बना रहे हैं, जिससे भविष्य में परेशानी न हो।
आरपी जगनेरिया, सीएमओ, बीना