हर रोज आ रहे दर्जन भर से ज्यादा फर्जी एप, बैंक की फर्जी वेबसाइट भी चल रहीं
ऑनलाइन खरीदी, शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोग साइबर ठगों के निशाने पर हैं। लोगों का डाटा, गोपनीय जानकारियां और उनकी ऑनलाइन एक्टिविटी की जानकारी चोरी कर साइबर ठग उनसे संपर्क करते हैंं और ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर झांसे में लेते हैं। इसके बाद क्लोन एप के माध्यम से ठग लोगों की जेब ढीली कर रहे हैं। इस तरह की साइबर ठगी का जिले का पहला मामला बीना क्षेत्र में सामने आया है।
साइबर ठग हर रोज बाजार में दर्जन भर से ज्यादा क्लोन (फर्जी) एप लॉन्च कर रहे हैं। जैसे ही किसी एप या साइट को सर्च करते हैं तो उससे मिलते-जुलते नाम के दर्जनों एप नजर आने लगते हैं, इनमें अधिकांश एप ब्रांडेड कंपनियों, ट्रेडिंग कंपनी के साथ सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के नाम के ज्यादा होते हैं। लोग हूबहू एप का नाम देख उसपर खरीदी, ट्रेडिंग या फिर लेनदेन करना शुरू कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसमें अधिकांश वही लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं जो घर बैठे रुपए कमाना चाहते हैं।
बीपीसीएल बीना रिफाइनरी के मैनेजर मनीष कुमार सिंह पिछले 8 साल से शेयर खान एप के माध्यम से ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कर रहे थे। 9 जनवरी को बी 331 शेयर खान शुभ-लाभ परिवार नाम से एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और ग्रुप में एडमिन मनोज जोशी ने खुद वित्तीय विश्लेषक बताते हुए मनीष को झांसे में लिया और शेयर खान की जगह शेयर खान एज एप में रुपए निवेश कर ज्यादा मुनाफे के लालच में फंसा लिया। मनीष ने इस क्लोन एप पर शेयर ट्रेडिंग कर 1 करोड़ 7 लाख 66 हजार 706 रुपए गंवा दिए।
ब्रांड व एप की सही पहचान करें।
अजनबी लिंक पर क्लिक न करें।
अधिकृत वेबसाइट पर ही सर्चिंग करें।
ओटीपी या अपनी गोपनीय जानकारी शेयर न करें।
स्पेलिंग जांच कर आगे बढ़ें।
लालच में आकर कहीं निवेश न करें।
फ्रॉड होने पर तुरंत शिकायत करें
617 शिकायतें आई 2024 में
389 शिकायतें साइबर फ्रॉड की
178 शिकायतें सोशल मीडिया से जुड़ीं
600 शिकायतें 2023 में दर्ज हुईं
02 डिजीटल अरेस्ट के मामले हुए
साइबर फ्रॉड के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। इनसे बचने लोगों का जागरूक होना जरूरी है। इसके बाद भी यदि ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तत्काल टोल-फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करें। नंबर नहीं लगता है तो साइबर डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत करें। इससे रुपए वापस मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।
उमेश यादव, प्रभारी, जिला साइबर सेल