संगम में अस्थि विसर्जन करने की है मान्यता
बीना. प्रयागराज महाकुंभ में करोड़ों लोग स्नान करने पहुंच रहे हैं और वहां पैर रखने भी जगह नहीं मिल रही है। भीड़ के चलते वह लोग परेशान हैं, जिनके परिवार में किसी सदस्य का निधन हुआ है और उन्हें अस्थियां विसर्जन करने प्रयागराज जाना है। वह भीड़ कम होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
मान्यतानुसार मोक्ष दिलाने के लिए किसी व्यक्ति का निधन होने पर परिवार के लोग अंतिम संस्कार के दूसरे या तीसरे दिन अस्थियां विसर्जन करने के लिए प्रयागराज जाते हैं और संगम में अस्थी विसर्जन करते हैं, लेकिन महाकुंभ के चलते लोगों को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। क्योंकि भीड़ के कारण संगम पर अस्थियां विसर्जन कर पाना अभी संभव नहीं है। मढिय़ा वार्ड निवासी वसंत अग्रवाल के पिता का निधन 24 जनवरी को हुआ था और उन्हें दूसरे दिन अस्थी विसर्जन करने प्रयागराज जाना था, लेकिन शाही स्नान के चलते भीड़ ज्यादा होने से वह प्रयागराज नहीं जा सके हैं। उन्होंने बताया कि अस्थियां एकत्रित कर मुक्तिधाम के लॉकर में सुरक्षित रख दी गई हैं और भीड़ कम होने के बाद वह प्रयागराज जाएंगे। इसके अलावा और भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अस्थियां अभी सुरक्षित स्थान पर रख दी हैं।
संगम में विसर्जन का है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. देवशंकर दुबे ने बताया कि प्रयागराज के संगम में अस्थियां विसर्जन करने का विशेष महत्व है। मान्यतानुसार वहां अस्थियां विसर्जन करने पर मोक्ष मिलता है।