सबसे ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की हुई है बोवनी, कृषि विभाग के अधिकारी दे रहे दवा डालने की सलाह
बीना. गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट (फंगस) का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे किसान परेशान हैं। कीट लगने से फसल सूखकर खराब हो रही है और किसान दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं।
इस वर्ष करीब 22 हजार 500 हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हुई है और किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद है, लेकिन कीटों के प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। कीट लगने से फसल पीली पड़कर सूखने लगी है। कृषि विभाग के अधिकारी जड़ माहू लगने का कारण बरसात के बाद जमीन में ज्यादा नमी होने पर बोवनी करने और बीज उपचार न करने की स्थिति में फंगस होने से यह स्थिति बनती है। किसान हन्नू राजपूत ने बताया कि गेहूं की फसल अचानक पीली पड़कर सूख रही है और जब पौधों को उखाड़कर देखा, तो उसकी जड़ों में कीट लगे हुए हैं। फसल को कीटों से बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं। चना, मसूर की फसल में जड़ों में भी कीट लगने से फसल सूख रही है। जड़ों में कीट होने के कारण दवा का असर भी देरी से होता है। गौरतलब है कि क्षेत्र में गेहूं की फसल में जड़ माहू का प्रकोप नहीं होता था, लेकिन अब कुछ क्षेत्रों में इसका असर दिख रहा है। फसलों में कीटों के बढऩे से लागत भी बढ़ रही है।
पानी के साथ छोड़ दें दवा
कृषि विकास अधिकारी डीएस तोमर ने बताया कि जड़ माहू खत्म करने के लिए खुला पानी देने पर उसमें क्लोरोपायरीफास दवा छोड़ दें, जो जड़ों तक पहुंचकर फंगस खत्म कर देगी। वहीं, स्प्रिंगकलर से पानी देने वाले किसान एक बोरी यूरिया में आधा लीटर दवा मिलाकर फसल में छिड़काव कर सिंचाई करें।