Ruckus over declaring Hanuman temple of Sagar as government सागर के हनुमान मंदिर को सरकारी घोषित करने पर बवाल
मध्यप्रदेश में सागर के हनुमान मंदिर को सरकारी घोषित कर दिए जाने पर बवाल मच गया है। इस मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए राजस्व सचिव और सागर के कमिश्नर व कलेक्टर को भी नोटिस जारी किया है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सागर के पहलवान बब्बा मंदिर को सरकारी घोषित करने की वजह पूछी है। मंदिर के संस्थापक पंडित रामेश्वर तिवारी ने सागर कलेक्टर के इस आदेश को हाईकोर्ट में फिर चुनौती देते हुए याचिका लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मनमानी करते हुए मंदिर को पहले अधिकृत किया और फिर पूरा प्रबंधन ही सरकारी समिति को सौंप दिया।
पंडित रामेश्वर तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने राज्य सरकार, राजस्व सचिव, सागर कमिश्नर और सागर कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई अब 4 सप्ताह बाद रखी गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार करीब 5 दशक पहले जीर्णशीर्ण पड़े पहलवान बब्बा हनुमान मंदिर का उन्होंने जीर्णोद्धार कराया। मूल मंदिर के साथ कई छोटे मंदिर भी बनाए। 10,000 से ज्यादा पौधे लगाए गए। मंदिर में धीरे-धीरे हजारों लोग पूजा करने आने लगे और अब यह शहर का प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है।
याचिकाकर्ता रामेश्वर तिवारी ने बताया कि, सरकार ने मनमाने तरीके से मंदिर को अधिग्रहित कर लिया। उन्होंने शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति नियम 2019 के अंतर्गत की गई बताई जा रही इस कार्रवाई को चुनौती दी। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह नियम सरकार से अनुदान प्राप्त मंदिरों पर ही लागू होता है।
बता दें कि सरकारी कार्रवाई के बाद मंदिर में आनेवाले कई भक्तों ने भी गुस्सा जाहिर कर इसे अनुचित बताया।