– नए कार्यों को अब नहीं मिलेगी स्वीकृति, न ही मिलेगा अब कोई फंड – 23 जून 2017 को हुआ था सागर का स्मार्ट सिटी योजना में चयन सागर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अवधि 30 जून को समाप्त हो जाएगी। 30 जून के बाद से अब कोई भी नए प्रोजेक्ट को योजना के तहत मंजूरी […]
- नए कार्यों को अब नहीं मिलेगी स्वीकृति, न ही मिलेगा अब कोई फंड
- 23 जून 2017 को हुआ था सागर का स्मार्ट सिटी योजना में चयन
सागर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अवधि 30 जून को समाप्त हो जाएगी। 30 जून के बाद से अब कोई भी नए प्रोजेक्ट को योजना के तहत मंजूरी नहीं दी जाएगी। हालांकि प्रोजेक्ट के तहत जो विकास कार्य चल रहे हैं और अधूरे पड़े हैं, उनको आगामी दो से तीन महीने में संबंधित एजेंसियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की माने तो शहर में अलग-अलग प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उनकी समयसीमा भी अलग थी। हां इतना जरूर है कि 30 जून के बाद किसी भी नए प्रोजेक्ट को फंड नहीं मिलेगा।
स्मार्ट सिटी योजना पांच साल के विजन के साथ तैयार की गई थी। सागर का स्मार्ट सिटी योजना के तीसरे चरण में 23 जून 2017 को चयन हुआ था। इसके बाद बोर्ड के गठन व अन्य कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में अफसरों को करीब एक साल लग गया। पांच साल की योजना पूर्ण करने में सात सालों का समय लग गया लेकिन अब भी कई कार्य अधूरे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रपोजल में सबसे ज्यादा कटरा बाजार के डवलपमेंट फोकस किया गया था। इसको लेकर कई सपने दिखाए गए थे लेकिन यहां पर मल्टीलेवल पार्किंग के अलावा कोई भी दूसरा काम शुरू नहीं हो पाया है। परकोटा की दीवारों, चकराघाट, नजरबाग पर जो काम हुए, वे भी जर्जर अवस्था में आ गए हैं।
- लाखा बंजारा झील का विकास व सफाई।
- लाइट एंड साउंड शो।
- झील में फ्लोटिंग फाउंटेन।
- मल्टीलेवल पार्किंग।
- स्मार्ट रोड दीनदयाल चौराहा-गोपालगंज-ज्योति भवन।
- ओपन एयर थिएटर।
- साबूलाल मार्केट व नया बाजार का डवलपमेंट।
- कटरा मार्केट का अपग्रेशन।
- स्मार्ट फायर हाइडेंट सिस्टम।
- चकराघाट का जीर्णोद्धार।
- पब्लिक कनेक्टिविटी के लिए पब्लिक वाई-फाई हॉट-स्पॉट्स।
- इसके अलावा ऐसे कई कार्य हैं, जो या तो योजना से हटा दिए या फिर शुरू नहीं हुए।
30 जून के बाद किसी नए काम को फंड नहीं मिलेगा, लेकिन जो कार्य चल रहे हैं या शेष रह गए हैं, उन्हें तय समय में पूर्ण करेंगे। अलग-अलग कार्यों को पूर्ण करने की समयसीमा भी अलग-अलग है। - राजकुमार खत्री, निगमायुक्त सह ईडी, एसएससीएल