मंडी गेट पर धरना देकर की नारेबाजी, तहसीलदार के आश्वासन के बाद माने, 3 नवंबर को होगी बैठक
बीना. कृषि उपज मंडी में किसानों के उपज की तौल धर्मकांटे पर कराने, हम्माली और तौल के सोलह रुपए न लेने सहित अन्य समस्याओं को लेकर तहसील में शनिवार की दोपहर बैठक का आयोजन किया जाना था। बैठक में मंडी बोर्ड के संयुक्त संचालक, एसडीएम सहित व्यापारी और किसान संगठन के पदाधिकारियों को शामिल होना था।
बैठक के चलते किसान संगठनों के पदाधिकारी तहसील पहुंच गए थे, लेकिन बैठक रद्द कर दी गई। बैठक रद्द होने से पर नाराज किसान संघ के पदाधिकारियों ने कृषि उपज मंडी के गेट पर बैठकर वाहन रोक दिए थे और जमकर नारेबाजी की। शनिवार को छुट्टी होने के कारण डाक, नीलामी नहीं हुई, लेकिन व्यापारियों के ट्रक और खाद लेने पहुंचे किसानों के वाहन निकालने में परेशानी हुई। संभागीय अध्यक्ष सीताराम ठाकुर ने बताया कि 15 अक्टूबर की बैठक में निर्णय न होने पर शनिवार को बैठक होनी थी, जिसमें संयुक्त संचालक को आना था, लेकिन दस मिनट पहले बैठक रद्द करने की सूचना दी गई। जबकि बीना और खुरई के किसान संगठनों पदाधिकारी आ गए थे। खुरई तहसील अध्यक्ष अनुुरुद्ध सिंह ने कहा कि किसानों से 16 रुपए हर क्विंटल पर लिए जा रहे हैं, जिसपर रोक नहीं लग पा रही है। जिलाध्यक्ष प्रतिपाल सिंह ने कहा कि संयुक्त संचालक ने मंडी के बाहर अनाज खरीदी पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन खरीदी की जा रही है। इसमें किसकी मिलीभगत है, इसकी भी जांच होना चाहिए। तहसीलदार के आश्वासन के बाद एक घंटे बाद प्रदर्शन खत्म हुआ। इस अवसर पर सुरेन्द्र राजपूत, अरविंद पटेल, रामगोपाल, अरविंद पटेल, राघवेन्द्र, वीरेन्द्र आदि उपस्थित थे।
3 नवंबर को होगी बैठक
प्रदर्शन की सूचना मिलने तहसीलदार अंबर पंथी पहुंचे थे और उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात में ही बैठक रद्द करने का मैसेज भेज दिया गया था। साथ ही अधिकारियों से चर्चा कर 3 नवंबर को बैठक करने का आश्वासन किसानों को दिया है, जिसपर सभी ने सहमति दी।