सागर. स्कूल शिक्षा विभाग में चल रही शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में बड़ी अव्यवस्था सामने आई है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र में कितने बच्चों ने प्रवेश लिया, अभी इसकी संख्या तय नहीं हो पाई है और विभाग ने मनमाफिक सूची कर शिक्षकों को अतिशेष की श्रेणी में डाल दिया है। दो दिनों से काउंसलिंग […]
सागर. स्कूल शिक्षा विभाग में चल रही शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में बड़ी अव्यवस्था सामने आई है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र में कितने बच्चों ने प्रवेश लिया, अभी इसकी संख्या तय नहीं हो पाई है और विभाग ने मनमाफिक सूची कर शिक्षकों को अतिशेष की श्रेणी में डाल दिया है। दो दिनों से काउंसलिंग के दौरान चल रहे विवाद और विरोध की बुधवार को पत्रिका की टीम ने पड़ताल की, तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने चहेते शिक्षकों को उपकृत करने के लिए वर्ष-2023 में की गई विद्यार्थियों की मैपिंग को आधार बनाकर अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर दी। जब इसका विरोध हुआ तो विभाग को 24 घंटे में तीन बार सूची को बदलना पड़ा।
स्कूल शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों की माने तो शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को निरस्त किया जाना चाहिए। स्कूलों में विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उनकी मैपिंग की जानी चाहिए और फिर अतिशेष शिक्षकों को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। मैपिंग के बाद ही अतिशेष शिक्षकों को बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से स्कूलों में पहुंचाया जाना चाहिए।
बुधवार को ग्रेड-3 के शिक्षकों की काउंसलिंग की गई। इसमें 127 सहायक शिक्षकों ने भाग लिया। गुरुवार को 237 प्राथमिक शिक्षक का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। नाम न छापने की शर्त पर मौके पर मौजूद शिक्षकों ने बताया कि उन्हें विभाग ने सुबह 10 बजे काउंसलिंग के लिए बुलाया था लेकिन दोपहर 2 बजे के बाद प्रक्रिया शुरू हुई। पिछले कुछ दिनों से विभाग की लापरवाही की वजह से सभी शिक्षक परेशान हो रहे हैं।
अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए विभाग से सूची जारी की गई है, उसी आधार पर जिले में प्रक्रिया चल रही है। हमारा प्रयास है कि किसी तरह की कोई अव्यवस्था न हो पाए। - अरविंद जैन, डीइओ सागर