बड़ा बाजार के बिहारीजी मंदिर में वृंदावन से पधारे संत स्वामी किशोरदास देवजू महाराज संगीतमयी भक्तमाल कथा कर रहे हैं। चौथे दिन महाराज ने कहा कि भक्ति मार्ग परतंत्र, स्वतंत्र मार्ग है, रसीला मार्ग है, प्रेम मार्ग है और रसोपासना का मार्ग है।
महंत स्वामी किशोरदास देवजू महाराज की भक्तमाल कथा का आयोजन
सागर. बड़ा बाजार के बिहारीजी मंदिर में वृंदावन से पधारे संत स्वामी किशोरदास देवजू महाराज संगीतमयी भक्तमाल कथा कर रहे हैं। चौथे दिन महाराज ने कहा कि भक्ति मार्ग परतंत्र, स्वतंत्र मार्ग है, रसीला मार्ग है, प्रेम मार्ग है और रसोपासना का मार्ग है। जैसे मिश्री की डली को किसी भी ओर से पाया जाए उसमें रस ही रस है, दूसरी वस्तु नहीं है। आनंद ही आनंद है, मीठा ही मीठा है, ऐसे ही भगवत चिंतन भगवत परायण होकर के साधक जीव अंत:करण से किसी तरह भगवान के नाम रूप लीला धाम को स्पर्श करले, छू ले रस ही रस है। बस अंतर इतना है कि वह हृदय से जुड़ा हो।
महंत किशोरदास महाराज बालाजी कॉलोनी में अनुराग प्यासी के निज निवास पर विराजमान हैं, उनके दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 127 लोगों ने गुरु दीक्षा ली है। बुधवार को कथा का समापन होगा। 26 अक्टूबर को दीनदयाल नगर मकरोनिया में डॉ. अनिल तिवारी के निज निवास एसवीएन बीएड कॉलेज प्रांगण में दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर कथा में संतोष पांडेय, भगवत कृष्ण शास्त्री धर्माचार्य, प्रीतम सिंह, अभि कटारे, वीरु दुबे, प्रभात मिश्रा, मुकेश नायक, शरद, असंख्य दुबे, शिवांश सोनी सहित शिष्य मंडल मौजूद रहे।