
शिशु एवं बाल आहार प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ। कार्यक्रम में संभाग के प्रत्येक जिलों से शिशु एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर्स शामिल हुए। क्षेत्रीय संचालक डॉ. नीना गिडियन ने कहा कि गर्भधारण से लेकर दो वर्ष की आयु तक बच्चे के 1000 दिन बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में दिया गया उचित पोषण आजीवन स्वास्थ पर प्रभाव डालता है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बृजेश यादव ने स्तनपान संवर्धन में और अस्पताल नेतृत्व की भूमिका पर अपने विचार रखे। डॉ. मधु जैन ने पूरक आहार की गुणवत्ता सुधारने के व्यवहारिक उपाय बताए। बताया गया कि जन्म के पहले घंटे में दिया गया पहला दूध (कोलोस्ट्रम) बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, संक्रमण से बचाने और स्वस्थ विकास की नींव रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्राइवेट शिशु रोग विशेषज्ञों को भी निर्देशित किया गया कि वे अपने अस्पतालों में प्रसव के बाद शीघ्र स्तनपान सुनिश्चित कराने, माताओं को सही परामर्श देने और नवजात की प्रारंभिक देखभाल में प्रोटोकॉल का पालन करने पर विशेष ध्यान दें।
Published on:
14 Dec 2025 04:55 pm
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