सोशल मीडिया को सामान्य तौर पर मनोरंजन का साधन और देश दुनिया से जुड़कर नई-नई जानकारियां लेने का माध्यम माना जाता है, लेकिन असल में यह बढ़ती तकनीक के साथ घातक होती जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा उन अनजान चेहरों से है
सागर. सोशल मीडिया को सामान्य तौर पर मनोरंजन का साधन और देश दुनिया से जुड़कर नई-नई जानकारियां लेने का माध्यम माना जाता है, लेकिन असल में यह बढ़ती तकनीक के साथ घातक होती जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा उन अनजान चेहरों से है, जिसे आप केवल अपनी सूची में फ्रेंड, फॉलोवर बढ़ाने का सोच जोड़ लेते हैं। स्थिति यह है कि सोशल मीडिया अकाउंट की सूची में 4 से 5 हजार फ्रेंड या लाखों में फॉलोवर हैं, लेकिन इनमें परिचितों की संख्या सैकड़ों में भी नहीं होती। इन्हीं अजनबियों में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग होते हैं, जो आपका पर्सनल डाटा चोरी करते हैं और इसके बाद फेक कॉल, ब्लैकमेल करते हैं। यहां तक यही लोग ठगी के साथ आपका अकाउंट भी हेक कर लेते हैं। आपकी थोड़ी सी लापरवाही साइबर ठगों को मौका देती है और आप ठगी का शिकार हो जाते हैं।
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ सालों से परिचित की फेक आइडी बनाकर रुपयों की मदद मांगना आम हो गया है। यह फेक आइडी आपका ही सार्वजनिक किया हुआ डाटा, फोटो चोरी कर निकालते हैं और फिर उसी का दुरुपयोग कर आपको फोन या मैसेंजर के माध्यम से रुपयों की मदद मांगते हैं।
पर्सनल डाटा जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल आदि सार्वजनिक करने से ब्लैकमेल के मामले बढ़े हैं। इसमें महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं। वह आपको फोन या मैसेज कर जाल में फंसाती हैं और भरोसा जीतकर वीडियो कॉल के माध्यम से आपत्तिजनक गतिविधियां करा लेती हैं। युवतियां इसकी रिकॉर्डिंग करती हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर बदनाम करने की धमकी देकर रुपए ऐंठती हैं। सागर में ही ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं।
सोशल मीडिया अपराधियों के लिए डाटा चोरी का एक अच्छा-खासा प्लेटफार्म बन गया है। आप जो फोटो, वीडियो, अपनी पर्सनल जानकारी (ईमेल, फोन नंबर, जन्म तारीख, दस्तोवज) सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, आपराधिक प्रवृत्ति के लोग उसे चोरी कर मिस यूज करते हैं। कई बार वह एआई टूल की मदद से आपके चेहरे को किसी दूसरी फोटो में लगाकर ब्लैकमेल करने लगते हैं। इससे बचने सोशल मीडिया पर केवल सामान्य जानकारी ही डालें। शादी, विवाह, परिवार के फोटो शेयर करने से बचें। मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी, अपने दस्तावेज सार्वजनिक न करें। जो भी फ्रेंड रिक्वेस्ट आ रही है वह चाहे परिचित की हो या अजनबी की उसे जांचें जरूर कि कहीं वह फेक तो नहीं है। क्योंकि कई बार आपके परिचित के नाम से आई रिक्वेस्ट भी फेक होती है। यदि ऐसा है तो उसे ब्लॉक करें और संबंधित साइट की कम्युनिटी पर कारण बताते हुए रिपोर्ट करें।
शीतांशु राजोरिया, साइबर एक्सपर्ट