कुछ अक्षर और नंबर लिखे होते हैं जिनहे हमे एक डब्बे में लिखना होता है
सागर. यदि आपने कभी भी किसी वैबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए कोशिश की हो या फिर किसी ब्लॉग पर कमेंट करने की हर जगह आपसे एक कोड डालने को कहा जाता है वह है कैप्चा। इसमे कुछ अक्षर और नंबर लिखे होते हैं जिनहे हमे एक डब्बे में लिखना होता है जिससे की आप आगे की प्रक्रिया पूरी कर पाएं और वैबसाइट पर रजिस्टर या फिर ब्लॉग पर कमेंट कर पाए।
यह एक तरह का चुनौती देने वाला सिस्टम है जो मनुष्य और रोबोट वाले सॉफ्टवेयर या ऑटोमैटिक चलने वाले सॉफ्टवेयर में अंतर करने के काम में आता है। यह हैकर और स्पैमर से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिससे किसी भी तरह का वाइरस यार फिर स्पैम किसी सिस्टम में दस्तक नहीं दे सके।
इस तरह के अटपटे कोडस जो हमसे पूछे जाते हैं उन्हे हम कैप्चा कहते हैं और इसमे काफी तरह के मनुष्य के टेस्ट भी लिए जाते हैं। कुछ कुछ वैबसाइट पर यह होता है जिससे की यह पता चल सके की मनुष्य ही इसे चला रहा है। स्पैम की वजह से ज़्यादातर कंपनी अपनी वैबसाइट में कैप्चा डालती हैं। यह इसलिए भी डाला जाता है की जो भी कमेंट हमें करना हो या फिर किसी वैबसाइट पर हमें रजिस्टर करना हो वह इंसान ही है इसलिए यह जाने के लिए हमें कैप्चा की जरूरत पड़ती है। किसी भी तरह का कम्प्युटर प्रोग्राम इसपर रजिस्टर ना कर रहा हो इसलिए भी कैप्चा का इस्तेमाल किया जाता है।
यह हैं फायदें
स्पैमर छोटी साइट को अपना निशाना बनाते हैं क्योंकि उन्हे पता होता है की ऐसी साइटों पर सुरक्षा कम होती है। यदि कोई भी व्यक्ति जो वैबसाइट चला रहा हो उसने अगर सुरक्षा के लिए कैप्चा नहीं लगाया हुआ तो वह रोजाना दर्जनों स्पैम कमेंट और मेल से परेशान हो जाएगा। इसलिए आप इस तरह की चीज़ों से परेशान नहीं हो और इस पर ध्यान से काम करें और कैप्चा डालना अच्छा माने क्योंकि यह उस वैबसाइट की सुरक्षा के लिए काफी जरूरी है।
कैप्चा (CAPTCHA code) किस तरह काम करता है
यह एक तरह का टेस्ट है जो की रोबोट और मनुष्य में फरक करता है। यह उपयोगकर्ता को कुछ काम करने के लिए देता है जो की सॉफ्टवेयर और रोबोट नहीं कर पाते। मनुष्य आसानी से इस टेस्ट के बाद अपने काम को आगे बढ़ा सकता है।
कैप्चा (CAPTCHA ) कोड क्या है?
कैप्चा को कंप्लीटली औटोमटेड पब्लिक टुरिन्ग टेस्ट टु टेल कम्प्युटरस एंड ह्यूमनस अपार्ट भी बोलते हैं। कैप्चा की जरूरत हमें 1997 से पड़ी थी। इस समय इंटरनेट के सर्च इंजिन अल्टाविस्टा को ऐसे विकल्प की जरूरत थी, जिससे की अपने आप होने वाले ऑटोमैटिक यूआरएल को ब्लॉक किया जा सके और जिससे की किसी को भी किसी भी तरह के जानकारी को इस सर्च इंजिन से देखने में परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए अल्टाविस्टा के सहायक वैज्ञानिक अन्द्रे ब्रोडर ने एक एल्गॉरिथ्म का निर्माण किया जिससे की किसी शब्द की फोटो बन सके और उसे केवल मनुष्य समझ और पढ़ सके और उसे लिख कर आगे बढ़ सके। 2003 में निकोलस होप्पर, मनुएल ब्लम और लुईस वॉन अहन जो की करनेगी मेलोन विश्वविद्यालय में थे और आईबीएम के जॉन लंग्फोर्ड ने मिलकर इस एल्गॉरिथ्म को सही कर दिया और इसका नाम कैप्चा CAPTCHA रख दिया।
कैप्चा (CAPTCHA ) के प्रकार
टैक्ट कैप्चा- ज़्यादातर जो कैप्चा इस्तेमाल होते हैं वह अक्षरों के होते हैं जो की उपयोगकर्ता को फोटो में अल्फनुमेरिक कैरक्टर भी दिखाता है और हमें फिर उसे दिये गए डब्बे में लिखना होता है।
साउड कैप्चा- इस तरह के कैप्चा आवाज़ वाले भी होते हैं यह उन लोगो के लिए सहायक होते हैं जो लोग देख नहीं सकते तो वह लोग सुनके इस कैप्चा को उसमे डाल सकते हैं।
फोटो कैप्चा- कई बार कैप्चा हमें काफी सारी फोटो में से कुछ विशेष प्रकार की फोटो को पहचानने के लिए भी कहता है।
गणित कैप्चा - इसमे उपयोगकताज़् को गणित का कोई सवाल हल करने के लिए दिया जाता है।
3डी सुपर कैप्चा- इसमें आपको 3 डी फोटो को बताना होता है।
आइ एम नॉट ऐ रोबोट कैप्चा- इसमे उपयोगकर्ता को एक बॉक्स को चैक करना होता है।