UP News : STF ने सहारनपुर से दो भाइयों समेत चार को गिरफ्तार किया है। इन पर कफ सिरप की तस्करी करके करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं।
लखनऊ एसटीएफ ने सहारनपुर के दो सगे भाईयों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन दोनों भाइयों ने फर्जी फर्म बनाकर नशा तस्करों को महंगे दामों में फेंसेडिल सिरप की सप्लाई की और इस अवैध कारोबार से अर्जित कालेधन से 200 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति बना ली। पुलिस ने इनके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। इनसे दो पिस्टल भी बरामद हुए हैं। चार मोबाइल फोन और इनकी गाड़ी से भारी मात्रा में दस्तावेज भी मिले हैं। अब इन सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ ने सहारनपुर में छापा मारकर बड़े स्तर पर फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी के मामले का भंडाफोड़ किया है। टीम ने फेंसेडिल कफ सिरप के साथ-साथ कोडीनयुक्त नशीली दवाओं की अवैध तस्करी के आरोपी दो सगे भाईयों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ को यह सूचना मिली थी कि, सहारनपुर में फेंसेडिल कफ सिरप का अवैध भंडारण करके नशे के रूप में प्रयोग करने के लिए इसका अवैध कारोबार किया जा रहा है। सहारनपुर से इस सिरप को यूपी समेत उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि बांग्लादेश भेजा जा रहा है। इस सूचना की जांच पड़ताल करने पर विभोर राणा का नाम सामने आया। इसके बाद जब विभोर राणा की कुंडली खंगाली गई तो पता चला कि विभोर राणा ने अपने भाई विशाल सिंह के साथ मिलकर वर्ष 2018 में एक फर्म जीआर ट्रेडिंग के नाम बनाई और इस फर्म पर एबॉट कंपनी से सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ले ली। पहले कुछ दिन तक तो इन दोनों ने ठीक से काम किया लेकिन कुछ ही समय बाद इन्होंने फर्जी फर्म बनवाकर रिटेलर्स के लिए स्टोर किए गए फेंसेडिल सिरप को बड़ी मात्रा में नशे के कारोबारियों को सप्लाई करना शुरू कर दिया। इस सिरप को इतने अधिक ऊंचे दाम पर बेचा गया कि इन लोगों ने कुछ ही समय में 200 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटा ली।
इस होमवर्क को करने के बाद एसटीएफ ने मंगलवार को सहारनपुर में छापा मारा। यहां से टीम ने बिट्टू और सचिन नाम के दो लोगों को पकड़ लिया और इनसे पूछताछ की गई। इनके बाद एसटीएफ ने कोतवाली सदर बाजार क्षेत्र की शास्त्रीनगर कालोनी से दोनों भाईयों को भी धर लिया। मीडिया रिपोर्ट के ही मुताबिक, जब एसटीएफ की टीम ने इन दोनों भाइयों से पूछताछ की तो पता चला कि, इस कारोबार से दोनों ने करीब 200 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली। अब इनकी सारी संपत्ति की जांच की जा रही है। बतादें कि विभोर राणा को वर्ष 2022 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानि एनसीबी ने वेस्ट बंगाल से गिरफ्तार किया था। टीम ने इस मामले में एबॉर्ट कंपनी के कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है। सभी को पकड़कर एसटीएफ लखनऊ ले गई है। लखनऊ में एसटीएफ ने इनके खिलाफ थाना सुशांत गोल्फ सिटी में मुकदमा दर्ज करवाया है।